जानकारी के मुताबिक अभी 16 हाथी केशलडीह-खिरसाली बांस प्लाट में हैं। तीन दंतैल गुडरूडीह और एक पिरदा में देखा गया है। किसानों की मानें तो चार दिन से हाथियों का उत्पात जारी है। केशलडीह, फुरेसाडीह, पिरदा, गुडरूडीह और खिरसाली में फसल नुकसान कर रही है। हाथियों के उत्पात से किसानों की मुसीबत बढ़ गई है, इस साल अच्छी फसल पैदावार की उम्मीद है। इधर, किसानों की उम्मीद पर हाथी पानी फेरने का काम कर रहे हैं। यहीं नहीं, पहले तीन दंतैल अलग-अलग विचरण कर रहे थे। अब चार दिन से एक साथ गांवों में घूम रहे हैं। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं।
इसके साथ ही फसल के नुकसान के कारण किसानों में मायूसी भी है। कई किसानों को पिछले साल का फसल मुआवजा नहीं मिला है। शनिवार की रात ग्राम पिरदा के तोषण के खेत में हाथियों ने फसल को नुकसान पहुंचाया है। ग्राम गुडरूडीह के नारायण पटेल के खेत में तीन हाथियों के फसल को नुकसान पहुंचाया। हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि हाथी कुकराडीह बंजर से निकल गए हैं। अब ये चार महीने तक बंजर में नहीं आएंगे, बल्कि खेतों में उत्पाद मचाकर फसलों को नुकसान पहुंचायेंगे।
ज्ञात हो कि पिछले तीन वर्षों से सिरपुर क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में हाथियों का आना-जाना होता है। फसल नुकसान भी करते हैं। बताया जाता है कि पिछले वर्ष का फसल नुकसान का मुआवजा राशि नहीं मिलने से किसान बैंक के चक्कर लगा रहे हैं।