संरक्षित क्षेत्र में गमन कराने के बाद वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी राहत की सांस ली, लेकिन पुन: सिरपुर क्षेत्र में वापस आने से विभाग की नींद उड़ गई हैं। इधर, किसानी कार्य प्रारंभ भी हो गया है। वहीं CCF वन्य प्राणी के केके बिसेन ने बताया कि टीम लगातार ग्रामीणों को हाथियों से दूर रख रही है एवं हाथियों को संरक्षित क्षेत्र में गमन कराने की कोशिश में हैं। इस दल में करीब पांच लोग हैं।
जानकारी के अनुसार रबी फसल समाप्त होने के बाद हाथियों का दल संरक्षित क्षेत्र बार व कसडोल के जंगलों में चले गए थे। 20 हाथियों का दल पिछले एक महीने से वहीं विचरण कर रहा था। इसकी टीम का एक टस्कर लगातार ग्रामीण इलाके में विचरण कर वापस जंगल की ओर चला जाता था। वर्तमान में बारिश के बाद जब खेतों में धान के छोटे-छोटे पौधे दिखने लगे तो हाथी अब जंगल छोडकऱ गांवों की ओर वापस आ धमके।
हाथियों के दल को देखकर लहंगर के ग्रामीण सहम गए हैं। किसानों को फिर से चिंता सताने लगी हैं। रबी फसल बर्बाद करने के बाद अब पुन: खरीफ फसल बर्बाद करने के लिए हाथियों का दल पहुंच गया है। फसल व जनहानि का रिकार्ड लगातार बढ़ते चला जा रहा है। वन विभाग व वाल्ड लाइफ की टीम लगातार हाथियों को जंगल की ओर गमन कराने के लिए कई पैतरे अपना रही हैं, लेकिन प्रयास एक दो महीनें में असफल हो जा रहा है।
ज्ञात हो कि सीसीएफ वन्यप्राणी के केके बिसने ने हाथियों को संरक्षित क्षेत्र में गमन कराने के लिए जुगजुगी लाइट का प्रयोग कर ग्रामीणों को हाथियों से दूर रखा था। बिसेन का कहना है कि इस वर्ष यदि फसल हानि होती है, तो उसका मुआवजा जल्द ही किसानों को दिलाया जाएगा। जनहानि न हो इसके लिए विभाग लगातार प्रयासरत रहेगा। हाथी दल की टीम लगी हुई है।
हाथियों के हमले से सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। वहीं हाथियों ने फसल हानि भी की हैं। इधर, वन विभाग की टीम इस बार जनहानि न हो इसके लिए हाथियों के दल पर नजर बनी हुई है। इधर, सिरपुर क्षेत्र में हाथियों का दल वापस आने से कांवरियों की मुश्किले बढ़ गई है, वहीं स्कूली बच्च्चें भी हाथियों के वापस आने से सहम गए हैं। हाथियों के डर से स्कूली बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं।