36 आयुर्वेद औषधालयों में 20 में डॉक्टर ही नहीं, एक पर चार जगहों की जिम्मेदारी
महासमुंद. चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने का दावा करने वाली राज्य सरकार ने जिले के आयुर्वेद औषधालयों को अपने हाल पर छोड़ दिया है। हाल यह है कि चिकित्सकों की कमी से एक डॉक्टर पर चार-चार औषधालयों की जिम्मेदारी है।
महासमुंद
Published: May 26, 2022 12:22:43 pm
महासमुंद. चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने का दावा करने वाली राज्य सरकार ने जिले के आयुर्वेद औषधालयों को अपने हाल पर छोड़ दिया है। हाल यह है कि चिकित्सकों की कमी से एक डॉक्टर पर चार-चार औषधालयों की जिम्मेदारी है। ये डॉक्टर न अपने औषधालय में नियमित रूप से मरीजों का इलाज कर पा रहे हैं और न प्रभार जगह पर।
आयुर्वेद औषधालयों में डॉक्टर्स सहित विशेषज्ञ, फार्मासिस्ट व औषधालय सेवकों की कमी है। कई बार डॉक्टरों के ड्यूटी पर नहीं रहने से औषधालयों में ताले लटकते रहते हैं। इससे मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ता है। आयुर्वेद विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 3६ औषधालय हैं। इसमें डॉक्टरों सहित विशेषज्ञ व फार्मासिस्ट, औषधालय सेवकों व पंचकर्म सहायक के कुल 120 पद स्वीकृत हंै। इसमें 67 नियमित कर्मचारी हंै। 6 संविदा कर्मचारी हंै। कुल 73 पद भरे हुए हैं और 47 पद रिक्त हैं। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 34 पद स्वीकृत हैं। इसमें 10 नियमित व 4 संविदा में कार्यरत हैं। लगभग 20 पद रिक्त हैं। इसी प्रकार विशेष चिकित्सकों में दो पद स्वीकृत है, एक पद ही भरा है। एक पद खाली है। सरायपाली, बसना विकासखंड की हालत सबसे ज्यादा खराब है। सरायपाली में सात औषधालयों में 2 डॉक्टर ही हंै। बसना में 5 औषधालयों में शून्य, पिथौरा में 6 औषधालयों में एक डॉक्टर ही कार्यरत हंै। बागबाहरा में 6 औषधालयों में 4 डॉक्टर हैं। महासमुंद विकासखंड में 10 औषधालयों में 7 डॉक्टर हैं। डॉक्टरों की अनुपस्थिति में औषधालयों में फार्मास्टि या औषधालय सेवक ही रहते हैं। वहीं कई जगह तो औषधालय खुलते भी नहीं हैं। आयुर्वेद औषधालयों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का रूप दिया जा रहा है। इसके लिए निर्माण कार्य जारी है। इसके अलावा योग व वेलनेस सेंटर भी खुलना प्रस्तावित है। यहां बीपी जांच, शुगर जांच, मलेरिया व खून जांच आदि की सुविधा दी जाएगी।
जिला आयुर्वेद अधिकारी ने बताया कि शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। इसके अलावा उच्च अधिकारी को पत्र लिखा गया है। अब तक मंजूरी नहीं मिली है। जहां पद खाली हैं, वहां पर प्रभार डॉक्टरों को दिया गया है।

36 आयुर्वेद औषधालयों में 20 में डॉक्टर ही नहीं, एक पर चार जगहों की जिम्मेदारी
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