एक बार फिर ऐसा संयोग बनेगा, जब 4 ग्रह सूर्य, शुक्र, चंद्र और राहु अपनी उच्च राशि में गोचर करेंगे। कुल मिलाकर देखा जाए तो मानव जीवन पर इनका प्रभाव बेहतर होगा। हालांकि अापकी कुंडली के हिसाब से ग्रहों के प्रभाव अलग-अलग हो सकते हैं।
ये हैं शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त – 06:40 से 12:26 बजे तक
मान्यता है कि इस तिथि को उपवास और स्नान दान करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत का फल न कभी कम होता है और न नष्ट होता है, इसलिए इसे अक्षय (कभी न नष्ट होने वाला) तृतीया कहा जाता है। इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं। इस दिन शुभ कर्म ही करने चाहिए।