नए डिजिटल कॉपी में अब आधार नंबर और मोबाइल नंबर भी अनिवार्य रूप से भी जोड़ा जा रहा है। आधार के साथ जमीन का रिकार्ड जोडऩे से फर्जीवाड़ा की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। भूस्वामी अब अपने जमीन का रिकार्ड सीधे भूईयां के वेबसाइट पर लॉगइन करके घर बैठे देख सकेंगे। राजस्व विभाग के हर दस्तावेज अब ऑनलाइन मिलने लगे है, बावजूद इसके फर्जीवाड़ा करने वाले लोग फर्जीवाड़ा कर ही ले रहे थे।
जमीन के फर्जी दलालों पर अंकुश लगाने और जमीन के रिकार्ड और खरीदी- बिक्री को पारदर्शी करने के लिए ऑनलाइन दस्तावेजों का डिजिटलीकरण का काम जिले में 86 प्रतिशत से ज्यादा का काम पूरा हो गया है। डिजिटलीकरण की कॉपी में आधार भी अनिवार्य रूप से लिंक करवाना है। दोनों काम पूरा हो जाने के बाद अगर किसी भूस्वामी के खाते में या खसरा में किसी भी तरह का परिवर्तन या कोई भी छेड़छाड़ किया जाएगा, तो इसकी जानकारी तुरंत भूमिस्वामी के मोबाइल में आ जाएगा, उसके खसरा नंबर में कोई परिवर्तन किया जा रहा है।
जबतक भूस्वामी रिकार्ड देखने के लिए अपना आधार और अंगूठे का निशान नहीं लगाएंगे तब तक वो रिकार्ड कोई दूसरा नहीं देख पाएगा। पटवारी नामांतरण दर्ज कर सारे दस्तावेजों की जांचकर डिजिटल सिंग्नेटर के माध्यम से दुरुस्त करेगा।
इसकी जानकारी क्रेता व विक्रेता को एसएमएस के माध्यम से मिल जाएगी। ई-रजिस्ट्री के बाद अब आगे होने वाली नामांतरण प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा। पंजीयक कार्यलायों के कम्प्यूटरों में सॉफ्टवेयर अपलोड करने का काम अतिंम चरण में है। इसके बाद इसकी जानकारी भूईयां कार्यक्रम की आईडी में डाल दिया जाएगा।