कलेक्टर, एसपी व सीईओ ने सीखा पक्षियों के लिए घोंसला बनाना
महासमुंद. वन चेतना केंद्र कोडार महासमुंद में मोर चिरैया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कलेक्टर, एसपी, सीईओ सहित विद्यार्थियों ने पक्षियों के लिए घोंसला बनाना सीखा।
महासमुंद
Published: March 04, 2022 05:53:42 pm
महासमुंद. वन चेतना केंद्र कोडार महासमुंद में मोर चिरैया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कलेक्टर, एसपी, सीईओ सहित विद्यार्थियों ने पक्षियों के लिए घोंसला बनाना सीखा।
कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने कहा कि गर्मी का मौसम प्रारंभ हो गया है। घर की छतों पर गौरैया (स्पैरो) पक्षी और परिंदों के लिए दाना-पानी भरकर रखें, ताकि विलुप्त होती गौरैया चिडिय़ा का कुनबा बढ़ सके। घर के बाहर ऊंचाई व सुरक्षित जगह पर घोंसले लटकाएं। आंगन और पार्कों में नींबू, अमरूद, कनेर, चांदनी आदि के पेड़ लगाएं। इन पेड़ों पर गौरैया अपना आशियाना बनाती है। महासमुंद. अब घरों के आस-पास गौरैया की मधुर चीं-चीं की आवाज भी सुनने को नहीं मिल रही है। क्योंकि गांव, शहर में कंक्रीट के मकान और मोबाइल टॉवर से निकलने वाली तरंगें गौरैया चिडिय़ा एवं अन्य पक्षियों के अस्तित्व के लिए खतरा बन रही हैं। ये पक्षी अपना कुनबा बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि गौरैया का गौरव लौटाएं, ताकि फिर वह लोगों के आंगन और छत पर फुदकती नजर आएं। कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि समय पर न चेतें तो आने वाली पीढिय़ों को न केवल गौरैया चिडिय़ा बल्कि अन्य चिडिय़ों के किस्सें किताबों में पढऩे को मिलेंगे। कार्यक्रम के शुभारम्भ में डीएफओ पंकज राजपूत ने कहा कि विद्यार्थियों को चिडिय़ों की जानकारी देना तथा चीडिय़ों के लिए घोंसला बनाने का प्रशिक्षण देना है। क्योंकि, एक समय था जब घर आंगन में गौरैया चिडिय़ा की चिंहचिंहाट और उछल कूद आम हुआ करती थी, लेकिन यह नन्हीं चिडिय़ा गौरैया देखते-देखते हम सबसे दूर होती जा रही है। इसके पीछे हमारे बदलते परिवेश और रहन-सहन बड़ी वजह है।
गौरैया संरक्षण के लिए वन मंडल की एक पहल
डीएफओ ने बच्चों को घोंसला बनाने की सामग्री दी और उन्हें घोंसला बनाने का प्रशिक्षण भी दिया। विद्यार्थियों के संग कलेक्टर, एसपी और सीईओ ने भी घोंसला बनाने की विधि सीखी और घोंसला बनाया। विद्यार्थियों ने भी पूरे उत्साह के साथ घोंसला बनाने की कला सीखी और अपने घरों में गौरैया चिडिय़ा के लिए सभी जरूरी व्यवस्था दाना-पानी सुरक्षित स्थान पर रखने का संकल्प लिया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस आलोक ने भी बताया कि गौरैया चिडिय़ा मानव के आस-पास ही रहना पसंद करती है।

कलेक्टर, एसपी व सीईओ ने सीखा पक्षियों के लिए घोंसला बनाना
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