scriptतीन साल में 8 बार बायोमैट्रिक फिर भी अब तक नहीं मिला आधार कार्ड | Bio-metric eight times in three years but still no support card | Patrika News

तीन साल में 8 बार बायोमैट्रिक फिर भी अब तक नहीं मिला आधार कार्ड

locationमहासमुंदPublished: Mar 15, 2018 09:26:47 am

Submitted by:

Deepak Sahu

इनकी आंखें भी हैं और उंगलियां भी, लेकिन आधार पंजीयन के लिए मशीनें उनकी आंखों का स्कैन कर पा रही हैं, न फिंगरप्रिंट दर्ज कर पा रही हैं

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महासमुंद. इनकी आंखें भी हैं और उंगलियां भी, लेकिन आधार पंजीयन के लिए मशीनें उनकी आंखों का स्कैन कर पा रही हैं, न फिंगरप्रिंट दर्ज कर पा रही हैं। एक नहीं कई बार प्रयास करने के बाद भी उनका आधार पंजीयन नहीं हो पाया है, अब ये बे-आधार हैं और हर कदम मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
लता बाई पति थनवार गिलहरे (40), दुलौरीन बाई (70), मदनलाल अग्रवाल पिता कन्हैया अग्रवाल (73) ये महासमुंद विकासखंड के ग्राम बिरकोनी के कुछ ऐसे लोगों के नाम हैं, जिनका कई कोशिशों के बाद भी अब तक आधार कार्ड नहीं बन पाया है।
आधार कार्ड बनवाने के लिए जब-जब भी शिविर लगा, वे वहां पहुंचे। लाइन लगाकर घंटों अपनी बारी का इंतजार किया, लेकिन उनकी बारी जब भी आई मशीनों ने जवाब दे दिया। शिविर में तकनीकी टीमों ने भी अपनी ओर से भरपूर प्रयास किया, लेकिन मशीनें न इनकी आंखों का बायोमैट्रिक स्कैन कर पाईं, न ही उंगलियों के निशान ही दर्ज कर पाईं। हर बार इन्हें यही जवाब मिला कि आप लोगों का स्कैन नहीं हो पा रहा है, बाद में ट्राई कीजिएगा। ये ट्राई पर ट्राई कर रहे हैं।

तीन साल में आठ बार बायोमैट्रिक फिर भी नहीं मिला कार्ड

ग्राम भोरिंग निवासी बेदराम मानिकपुरी अपना आधार कार्ड बनवाने के लिए तीन साल में आठ बार फार्म भरकर अपनी आंखों और फिंगर्स की बायोमैट्रिक स्कैनिंग करा चुके हैं। लेकिन उन्हें अब तक आधार कार्ड नहीं मिला है। आधार कार्ड के लिए उन्होंने समोदा में 3 बार और महासमुंद में 5 बार स्कैनिंग की प्रक्रिया कराई। सबसे पहले 23 मार्च 2015 को बायोमैट्रिक स्कैन कराया था। आठवीं बार मई 2017 में सब्मीट फार्म को ढाई साल से बस प्रोसेसिंग में होना बताया जा रहा है।

हर शख्स की आंख और फिंगर प्रिंट अलग
कहते हैं दुनिया में हर किसी की आंखें अलग होती हैं और उंगलियों के निशान भी। किसी की आंख और उंगलियों के निशान किसी दूसरे से नहीं मिलते। आधार के लिए व्यक्ति की विशेष पहचान के तौर पर इनका बायोमैट्रिक स्कैन किया जाता हैं।

आधार के बिना नहीं हो रहा कोई काम
आज के दौर में जब हर कार्य के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भी लोगों से उनका आधार नंबर मांग रही हैं, तब इन लोगों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है, जिनके पास आधार कार्ड ही नहीं है। लता बाई गिलहरे और दुलौरीन बाई निर्धन परिवार के हैं, लेकिन उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मदनलाल अग्रवाल भी परेशान हैं, क्योंकि आधार के बिना कोई काम नहीं हो रहा है।

जल्द दूर होगी दिक्कत
महासमुंद के सीएमएचओ डॉ. एसबी मंगरूलकर ने कहा आधार पंजीयन करने वाले टेक्निकल एक्सपर्ट से जानकारी मिली है कि ऐसे मामलों में आधार पंजीयन की प्रक्रिया के लिए अब पूरे चेहरे का स्कैन किया जाएगा। यह फेस स्कैनर जुलाई में लांच होगा। जल्द ही ऐसे लोगों की दिक्कत दूर होगी।

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जुलाई में लांच होगा फेस स्कैनर
आधार पंजीयन की प्रक्रिया के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए अब फेस स्कैनर लांच किया जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह फेस स्कैनर जुलाई से लांच होगा। इसमें आधार कार्ड बनाने के लिए व्यक्ति के पूरे चेहरे को स्कैन किया जाएगा। इससे उन लोगों को भी आधार मिल सकेगा, जो आंख या फिंगर प्रिंट स्कैन नहीं होने के चलते आधार कार्ड से वंचित हैं।

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आधार संपर्क टोल फ्री नंबर 1947 पर नहीं मिल रहा जवाब
ऐसा नहीं कि इन लोगों की आंखों की ज्योति बुझ गई हो, या हाथों की लकीरें मिट गई हों। फिर भी आधार के लिए अपनाई जा रही वैज्ञानिक तकनीक उन पर खरे नहीं उतर रही। बायोमैट्रिक स्कैनिंग की प्रचलित तकनीक से निराश होकर कई बार शिकायत भी कर चुके हैं। इस मामले में आधार संपर्क टोल फ्री नंबर 1947 पर लगातार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कई प्रयास के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला।

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