महासमुंद

7 माह से नहीं मिली थी सैलरी इसलिए शराब दुकान से चुराए 7 लाख, बोले- ये हमारी मजबूरी

Crime in mahasamud: चोरी (Theft) का मुख्य आरोपी दुकान का सुपरवाइजर ही निकला। उसने दो सेल्समैन के साथ मिलकर (Crime news) घटना को अंजाम दिया (Mahasamund police) था।

महासमुंदAug 20, 2019 / 04:23 pm

चंदू निर्मलकर

7 माह से नहीं मिली थी सैलरी इसलिए शराब दुकान से चुराए 7 लाख, बोले- ये हमारी मजबूरी

महासमुंद. विदेशी मदिरा दुकान लक्ष्मीपुर-मुनगासेर में करीब 7 लाख रुपए की चोरी करने वाले तीन आरोपियों को 36 घंटे में पुलिस ने पकड़ लिया। चोरी का मुख्य आरोपी दुकान का सुपरवाइजर ही निकला। उसने दो सेल्समैन के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था।
पुलिस अधीक्षक एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि 18 अगस्त को सुबह सात बजे विदेशी मदिरा दुकान के सुपरवाइजर प्रतिमा लहरे ने सूचना दी कि 17 अगस्त और 18 अगस्त की मध्य रात्रि में लक्ष्मीपुर विदेशी मदिरा दुकान का ताला और दुकान के अंदर रखी अलमारी का दरवाजा को तोड़कर किसी ने 7, 03150 रुपए की चोरी कर ली। सूचना पर बागबाहरा पुलिस घटना स्थल पर पहुंची।
घटनास्थल के निरीक्षण में पुलिस को ऐसा लगा कि यह चोरी किसी जानकार व्यक्ति ने ही की है। चोरी भी ताला खोलकर की गई थी। इस वजह से पुलिस ने स्टॉफ से ही पहले पूछताछ की। इसके बाद चौकीदार और सेल्समैन को बुलाकर पूछताछ की गई।
लगातार आनाकानी करने के बाद सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया। सुपरवाइजर प्रतिमा लहरे, दुगेश साहू और विजय चक्रधारी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 16 अगस्त और 17 अगस्त को शराब बिक्री की रकम को कैश कलेक्शन एजेंसी ने नहीं लिया था। दुकान में बिक्री की रकम 7,03150 रुपए थी।
इसी को देखकर प्रतिमा लहरे, विजय चक्रधारी और दुर्गेश साहू मन डोल गया। फिर सात महीने से सैलरी नहीं मिलने से खफा तीनों ने आपस में मिलकरचोरी का प्लान बनाया। आरोपियों ने सोचा कि वेतन नहीं मिल रहा है, कंपनी वाले भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसलिए शराब दुकान में रखी बिक्री की रकम को हम तीनों आपस में रख लेते हैं।

ऐसे दिया घटना को अंजाम
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 17 अगस्त को रात 9 बजे दुकान बंद होने के समय बिजली गुल थी और चौकीदार भी शराब पीकर अपने कमरे के अंदर में सो गए थे। तभी अंधेरे का फायदा उठाकर दुकान की अलमारी में रखे 7,03150 रुपए में से 6,79,250 रुपए को प्रतिमा लहरे ने अपने पास रखा और 23,900 रुपए को वहीं गल्ले के पास छोड़ दिया।

प्रतिमा लहरे रकम को लेकर अपने घर चला गया और शटर गिराकर ताला नहीं लगाया और दुर्गेश साहू और विजय चक्रधारी से कहा कि रात को 12 से एक बजे के बीच तुम दोनों शराब दुकान आकर शटर को उठा करके भाग जाना। 12 से 1 बजे दुर्गेश साहू और विजय चक्रधारी अपने मोटर साइकिल क्रमांक सीजी 04 केआर 1133 में आकर जोर से शटर को हिलाया और अंधेरे का फायदा उठाकर दुर्गेश साहू व विजय चक्रधारी भाग निकले। भागने के बाद दोनों प्रतिमा के घर सेनभाठा पहुंचे।
6, 79, 250 रुपए में 4 लाख रुपए को प्रतिमा लहरे, दुर्गेश साहू को 2 लाख रुपए और विजय चक्रधारी को बाकी बचा 79250 रुपए का बंटवारा किया। बागबाहरा पुलिस ने चोरी गई कुल रकम 6,79, 250 रुपए व गल्ला में छोड़ा 23900 रुपए कुल 7, 03150 रुपए को बरामद किया।
आरोपियों के खिलाफ धारा 457, 380, 120 बी भादंवि के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वेतव्रत सिरमौर और अनुविभागीय अधिकारी लितेश सिंह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक संजय सिंह राजपूत, तीर्थराज गुनेंद्र, ललित साहू, एकलब्य बैस, मुकेश कुमार बेहरा, हरिश साहू, का विशेष योगदान रहा।

नहीं मिली थी सैलरी
आरोपियों ने बताया कि ईगल हंटर कंपनी में पिछले एक वर्ष से कार्य कर रहे हैं। कंपनी ने सुपरवाइजर को 15500 रुपए और दोनों सेल्समैन को 9-9 हजार रुपए महीने में कार्य पर रखा था। आरोपियों को सात महीने से सैलरी नहीं मिली थी। इस वजह से आरोपियों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया। आरोपी पैसे नहीं होने की वजह से मानसिक तनाव से गुजर रहे थे।

 

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