शहर का सब्जी बाजार भी बंद था। जिला मुख्यालय में साप्ताहिक अवकाश से बंद का व्यापक असर देखने को मिला। भारत बंद को मुख्यालय में छोटे व्यावसायियों ने भी अपना समर्थन दिया। ज्ञात हो कि विदेशी कंपनियां देश में परंपरागत व्यवसाय को खत्म कर ऑनलाइन सेवा शुरू कर सभी जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने का काम कर रही हैं। इसमें अब दवाईयां भी शामिल हो गई है। इसके कारण इसका व्यवसाय करने वाले थोक व्यवसायियों के साथ सबसे अधिक रिटेल व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ऑनलाइन दवा बिक्री के विरोध में कैट के बैनर तले भारत बंद का आह्वान किया गया था। मुख्यालय सहित जिले भर में दवा दुकानों के बंद होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर के अलावा सांकरा, बसना, पिथौरा, आदि में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिला।