ग्रामीणों ने बीटगार्ड पर आरोप लगाया कि वह अपने ढंग से आंकलन की बात करता है। हाथियों ने बंदोरा के जगदीश पटेल व गोविंद पटेल के खेतों में प्रवेश कर धान की फसल को नुकसान पहुंचाते हुए खेत में लगे मोटर पंप को तोड़ दिया। किसान हाथियों के उत्पात से सहम गए हैं। फसल हानि को देखकर किसानों में भारी आक्रोश है। वनमंडलाधिकारी ने कुछ दिन पूर्व गांव में आकर फसलों का उचित मुआवजा देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन, ऐसा नहीं दिख रहा है।
हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि पिछले पांच दिनों से जंगली हाथियों का खिरसाली, चुहरी व बंदोरा में डेरा है। वर्तमान में फसल पूरी तरह पक गई है। अब किसान फसलों की कटाई करने वाले हैं। कटाई करने से पहले ही हाथियों का दल खेतों में पहुंचकर पकी धान की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। बर्बाद फसलों को देखकर किसानों के आंखों में आंसू आ रहे हैं। छह महीने की मेहनत पर हाथी पानी फेर रहे हैं। वहीं उचित मुआवजा नहीं मिलने से किसानों को आर्थिक बोझ की चिंता सता रही है।
सिन्हा ने बताया कि परसाडीह में हाथी ने धान की फसल की रखवारी करते हुए एक किसान को मौत को घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद वनमंडलाधिकारी आलोक तिवारी गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को धान की रखवाली न करते हुए अपनी जान बचाने की बात कही थी। वहीं सभी किसानों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन मुआवजा प्रकरण तैयार करने में बीटगार्ड अपने मर्जी से भरने की बात कह रहा है। सिन्हा ने बताया कि पांच दिनों में हाथियों ने 15 से 20 एकड़ फसलों को नुकसान पहुंचाया है।