मिली जानकारी के अनुसार कुकराडीह में भगवानी ध्रुव ने 7 एकड़ में धान की फसल ली थी। हाथियों ने खेतों में पहुंच कर फसल को नुकसान पहुंचाया है। किसान ने जैसे-तैसे सौर ऊर्जा से संचालित ट्यूबवेल को बचा लिया। वहीं पिथौरा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत किशनपुर बिट के ग्राम फिरतुकेटेल के कृषक सोहन जगह के खेत में बीती रात करीब 9 बजे तीन हाथियों के दल ने खेत में लगी धान की फसल को रौंद दिया। वहीं सुबह लकड़ी बिनने गई महिलाओं ने हाथियों को सामने देख भागकर अपनी जान बचाई।
गौरतलब है कि शुक्रवार की शाम को हाथी लहंगर, गुड़रूडीह और परसाडीह के आस-पास देखे गए थे। हाथी भगाओ, फसल बचाओ समिति के संयोजक राधे लाल सिन्हा ने बताया कि हाथी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन इसका कोई समधान नहीं निकल पा रहा है। किसानों को फसलों का मुआवजा दे दिया जाता है और औपचारिकता खत्म हो जाती है। ज्ञात हो कि महासमुंद जिला हाथियों का विचरण क्षेत्र बन गया है। हाथियों को रोकने के लिए तमाम प्रयास कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। जंगल में जल स्त्रोत सूख जाने से हाथी गांव की ओर आ रहे हैं। वन विभाग लोगों को जागरूक करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है। इधर, हाथियों के कारण धान की फसल बर्बाद हो रही है। किसान परेशान हैं।