ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना भी दी थी, लेकिन वन अमला नहीं पहुंचा। वहीं हाथियों ने शुक्रवार की रात उत्पात मचाते हुए स्कूल परिसर में लगे केला पेड़ व एक एकड़ में लगी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया। हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि जंगली हाथियों का दल शुक्रवार की रात को ग्राम खिरसाली पहुंचा। यहां रात में उत्पात मचाया। सूचना मिलते ही ग्रामीण खेतों में पहुंचे। उन्होंने रात को पटाखे फोड़ व मशाल जलाकर हाथियों को खदेड़ा। शनिवार की सुबह फिर से जंगली हाथी गांव में आ धमके। हाथियों का दल देखकर ग्रामीण सहम गए। सिन्हा ने बताया कि शुक्रवार की रात हाथियों ने प्रेमसिंह बरिहा व भानू पटेल की खेत में धान की फसल को रौंद दिया। पिछले बुधवार की रात 16 हाथी ग्राम बंदोरा पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचाया था।
तीन दिन पहले ग्राम परसाडीह में धान की रखवाली कर रहे एक किसान को दंतैल ने कुचलकर मार डाला था। ज्ञात हो कि कुकराडीह, परसाडीह, अछोली, मालीडीह, लहंगर, पीढ़ी, बडग़ांव, अमलोर, केडिय़ाडीह, बोरिद, खड़सा, अमलोर, मोहकम सहित कई गांव हाथियों से प्रभावित हैं। यहां हाथियों से लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है। वर्तमान में हाथी अलग-अलग दल में बंट गए हैं। गांवों में हाथियों की मौजूदगी को लेकर किसानों की मुसीबत बढ़ गई है।