जान जोखिम में डालकर किस तरह लोग पार करते है उफनती नदी?
सरायपाली। सरायपाली से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम भीखापाली एवं कोकड़ी के बीच पडऩे वाले पर 73 वर्षों से पुल निर्माण की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है। लेकिन आज तक ग्रामीणों को पुल नसीब नहीं हुआ है। विगत 2 दिनों से हो रही बारिश एवं नाला संकरा होने की वजह से पानी की तेज धार के चलते दुपहिया चार पहिया वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम द्वारा गर्मी के दिनों में सीमेंट के पाइप लगाकर लोगों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। लेकिन पहली ही बारिश में वैकल्पिक व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई। स्थिति पूर्व की तरह निर्मित हो गई है। कोकड़ी के ग्रामीणों का स्वास्थ खराब होने पर मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए दो गाड़ी की व्यवस्था की जाती है। एक घर से नाले तक लाने के लिएए दूसरा वाहन नाला पार भीखापाली स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए।
पिछले दिनों बारिश से नाले में लगभग 3 फीट पानी जा रहा है। जिसमें मोटरसाइकिल एवं चार पहिया वाहन की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। बरसात के दिनों में कोकड़ी से सरायपाली जाने के लिए भीखापाली मार्ग ही एकमात्र रास्ता है। वहां के स्कूली विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बरसात के दिनों में प्रभावित होती है। गुरूवार को सरायपाली से कोकड़ी काफी सालों में पदस्थ शिक्षक भी नाले में पानी की वजह से स्कूल भी नहीं पहुंच पाए। वहां रसोईया एवं स्वीपर के भरोसे ही स्कूल खुला रहा। देवारचंद बारिकए रिटायर्ड शिक्षक सत्य कुमार नायकए सिलविया बाग व प्रधान पाठक कोकड़ी ने बताया कि ज्यादा बारिश होने से नाले में पानी की काफी तेजी धार बहती है। जिसके चलते वे स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। गुरूवार को भी पानी के तेज बहाव के चलते वे स्कूल नहीं पहुंच पाए। बरसात के दिनों में अधिकतर स्कूल की पढ़ाई प्रभावित होती है।
वहीं वाहनों की आवाजाही बंद हो जाने से ग्रामीण मरीजों को खाट में उठाकर नाला पार कर रहे हैं। ऐसा ही नजारा गुरूवार को मौके पर देखने को मिला। कोकड़ी के ग्रामीण एक मरीज को खाट में नाला पार करवा रहे थे। उन्होंने बताया उन्हें कि स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए दो वाहनों की व्यवस्था करनी पड़ी है। एकमात्र रास्ता होने के कारण ग्रामीणों की मजबूरी हो जाती है। किसी तरह कोकड़ी से भीखापाली मार्ग में पडऩे वाले नाला पार कर ही आवाजाही करते है। नेहरू चौहान उपसरपंच एवं मेहतर सिदार ने बताया कि काफी लंबे समय से पुल निर्माण की मांग की जा रही है। लेकिन केवल आश्वासन ही मिलता है। इस संबंध में पीएमजीएसवाय के सब इंजीनियर आरएल पटेल ने चर्चा में बताया कि 3 वर्ष पूर्व से सर्वे हो चुका है लेकिन मंजूरी नहीं मिली है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना सूची में इस पुल का नाम शामिल है और बड़ा पुल बनाया जाना है। लेकिन राशि नहीं आने की वजह से टेंडर नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते कार्य प्रारंभ नहीं हो रहा है।
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