निलंबन अवधि में फारूकी का मुख्यालय मंडल प्रबंधक बारनवापारा परियोजना मंडल कार्यालय रायपुर में निर्धारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि विगत 7 दिसम्बर की रात्रि वन विभाग की टीम द्वारा रात्रि गश्त के दौरान बारनवापारा तथा देवपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत चीतल मारने वाले आरोपियों को पकड़ा गया। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम का एक कर्मचारी मोहम्मद जावेद फारूकी को भी संलिप्त पाया गया था।
5 साल की सजा का प्रावधान
भारत में पशुओं के शिकार पर प्रतिबंध है और यहां जानवरों के अधिकारों से जुड़े पर्याप्त कानून मौजूद हैं। किसी भी जानवर को मारना या अपंग करने पर है 5 साल की सजा का प्रावधान है। भारत के संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों का जिक्र है, उसमें सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया का भाव रखना अनुच्छेद 51 ए (जी) के तहत नागरिक कर्तव्य बताया गया है। किसी जानवर को जान से मारना या अपंग कर देना एक दंडनीय अपराध है।
ऐसे अपराध में आईपीसी की धारा 428 और 429 के अंतर्गत सजा का प्रावधान है। ऐसा अपराध करने पर अपराधी को 5 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों ही हो सकता है। अगर आपने अपने किसी पालतू जानवर को घर से निकाल दिया है तो आपको तीन महीने तक की जेल हो सकती है। पीसीए एक्ट, 1960 की धारा 11(1)(आई) और धारा 11(1)(जे) में ऐसा प्रावधान किया गया है।