मान्यता है की इस पर्व को को पर्यावरण से जोड़कर भी देखा जाता है, क्योंकि इस दिन महिलाएं सावन के बाद आई नई 16 तरह की पत्तियों को शिवजी (Bholenath) को चढ़ाकर अपने घर में हर प्रकार की वृद्धि का वर मांगती हैं।
हरतालिका तीज व्रत का नियम
– हरतालिका तीज व्रत की पूजा के लिए शंकर-पार्वती और गणेश भगवान की मूर्ति हाथों से बनाते हैं।
– पूजा करते समय एक चौकी रखें और उस चौकी को फूलों से सजाएं। चौकी पर केले के पत्ते भगवान की मूर्ति रखें।
– सुहाग की पिटारी माता पार्वती को चढ़ाएं।
– भगवान शंकर को को धोती और गमछा चढ़ाएं।
– सुहाग सामग्री ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान दें।
– पूजा के बाद कथा सुनें और रात में जागरण करें।
– आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं।
– ककड़ी-हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।