बैंक की विभिन्न प्रक्रियाओं में नए खाते खोलने, एटीएम का उपयोग, मोबाईल नंबर रजिस्ट्रेशन, करों का भुगतान, विभिन्न प्रकार के बिलों का भुगतान एवं शॉपिंग का भुगतान जैसे ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं के साथ ही साथ एटीएम कार्ड के प्रयोग या नेट बैंकिंग के अंतर्गत धोखाधड़ी से बचने के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. रमेश कुमार देवांगन ने छात्राओं को महाविद्यालय के प्रवेश शुल्क, विश्वविद्यालय नामांकन व परीक्षा फार्म शुल्क, छात्रवृत्तियों की जानकारी प्राप्ति के लिए मोबाईल बैंकिग की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा कि आधुनिक संदर्भ में प्रत्येक व्यक्ति को वित्तीय लेन देनों के लिए बैंकिंग की नवीनतम प्रणाली से जुडऩा अति आवश्यक है, ताकि उन्हें कम समय में अपने वित्तीय लेनदेन पूर्ण करने में आसानी होगी।
समाजशास्त्र विभाग के वीके साहू ने मोबाईल के माध्यम से नेट बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग किया जाना, काला धन पर रोक लगाने का एक कारगर उपकरण के रूप में उपयोगी बताया। बैंकिंग प्रणाली के इस जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालयीन स्टॉफ और छात्राओं द्वारा बैंकिंग सुविधाओं संबंधी विभिन्न जिज्ञासाओं का निराकरण जैन के द्वारा किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।
कार्यक्रम में ये हुए शामिल
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सरिता सिन्हा, वरिष्ठ प्राध्यापकों में डॉ. सरस्वती वर्मा, डॉ. स्वेतलाना नागल, डॉ. शालिनी वर्मा, इंदुरानी साहू, भूपिंदर कौर, खेमराज चंद्राकर, विनय यादव, तृप्ति दुबे, दविंदर कौर, शशि कुमार सोनी, ललित सोनटके, लेखराज बंजारे, अहिल्या बंजारे एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। विद्यार्थियों को नए सिस्टम से अवगत कराया गया व प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के अंत में डिजिटल इंडिया के अंतर्गत इस जानकारी परख महती कार्यक्रम में जानकारी प्रदान करने के लिए डॉ. रमेश कुमार देवांगन ने एसबीआई के अनी जैन और उनके टीम को धन्यवाद सहित आभार प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद थे।