इसके अलावा ऐसे गांव जहां आर्थिक गतिविधियां बहुत ही कम है या बिलकुल भी नहीं है। जिस गांव में कोई आर्थिक गतिविधि नहीं हो रही है, उसकी पहचान की जाएगी। जिला योजना और सांख्यिकी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उद्योगों, छोटे उद्यमों, दुकानों और कारखानों आदि की जानकारी एकत्रित की जा रही है। यह जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से ली जा रही है। कार्य की मॉनिटरिंग कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मचारी कर रहे हैं।
जिला योजना और सांख्यिकी विभाग के अधिकारी एम तिर्की ने बताया कि गणना से प्राप्त डाटा का उपयोग भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा योजना एवं नीति निर्धारण के कार्य में किया जाएगा। साथ ही उद्यमियों को पंजीकृत करने में सहयोग मिलेगा। इससे मिलने वाले आंकड़ों से जिले की आर्थिक गतिविधि की संपूर्ण जानकारी मिलेगी। सीएससी के माध्यम से घर-घर जाकर आर्थिक क्रियाकलापों में जुटे लोगों का डाटा एकत्र की रही है। फिर इसे सरकार को भेजा जाएगा। इसके आधार पर योजनाएं तय की जाएगी।