scriptऑस्ट्रेलियन टीक के साथ कालीमिर्च की फसल, महासमुंद के किसान ने पौन एकड़ में पहली बार किया प्रयोग | Mahasamund farmer cultivates black pepper with Australian teak | Patrika News

ऑस्ट्रेलियन टीक के साथ कालीमिर्च की फसल, महासमुंद के किसान ने पौन एकड़ में पहली बार किया प्रयोग

locationमहासमुंदPublished: Sep 23, 2020 02:28:24 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

केशवा के किसान मोहन चंद्राकर ने बताया कि 1995 में बिलासपुर से एमबीए किया। मार्केटिंग क्षेत्र में जॉब भी करते थे। फिर उन्होंने कृषि की राह चुनी। उन्होंने बताया कि कोंडागांव से काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक के पौधे लाए हैं। अगस्त माह में ही उन्होंने पौन एकड़ में फसल लगाई है।

विक्रम साहू@महासमुंद. आम तौर पर देखा जाता है कि महासमुंद जिले के किसान सिर्फ धान, दलहन-तिलहन या सब्जी की फसल लेकर मुनाफा कमाते हैं। इससे हटकर केशवा के एक किसान ने काली मिर्च की फसल ली है। अमूमन काली मिर्च की खेती सिर्फ दक्षिण भारत में ही की जाती है। इसके किसान ऑस्ट्रेलियन टीक (पौधा) भी लगाया है, जो कॉली मिर्च के पौधों की खुराक को पूरा कर रहा है।

केशवा के किसान मोहन चंद्राकर ने बताया कि 1995 में बिलासपुर से एमबीए किया। मार्केटिंग क्षेत्र में जॉब भी करते थे। फिर उन्होंने कृषि की राह चुनी। उन्होंने बताया कि कोंडागांव से काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक के पौधे लाए हैं। अगस्त माह में ही उन्होंने पौन एकड़ में फसल लगाई है। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियन टीक एक पेड़ है इसी में काली मिर्च का नार बढ़ता है। काली मिर्च फसल से सिर्फ तीन साल में ही मुनाफा कमा सकते हैं। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियन टीक 10 से 12 साल में ऊंचा होता है।

मोहन ने बताया कि जिले में धान, फूल, सब्जी, दलहन व तिलहन की खेती तो सभी करते हैं, लेकिन वो कुछ नया करना चाहते थे। इसी कड़ी में उन्होंने इंटरनेट में इसके बारे में पढ़ा और इसे लगाने की सोची। उन्होंने बताया कि पौधे वर्तमान में बढ़ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियन टीक यह 100 फीट तक ऊंचा होता है। इसकी लकड़ी सीधी होती है और फर्नीचर बनाने में काम आती है। इस पेड़ की जड़ों में नाइट्रोजन होता है। जिसकी वजह से काली मिर्च की नार को पोषण मिलता है।

जिंक राइस की भी ले चुके है फसल

मोहन चंद्राकर ने बताया कि वे अपने अन्य खेत में इससे पहले वे जिंक राइस की फसल भी ले चुके हैं। जिंक राइस सेहत के लिए अच्छा रहता है। सांबा बांसुरी की फसल भी ले चुके हैं। यह शुगर के रोगियों के लिए अच्छा रहता है। ऐसे प्रयास वे लगतार कर रहे हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो