केशवा के किसान मोहन चंद्राकर ने बताया कि 1995 में बिलासपुर से एमबीए किया। मार्केटिंग क्षेत्र में जॉब भी करते थे। फिर उन्होंने कृषि की राह चुनी। उन्होंने बताया कि कोंडागांव से काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक के पौधे लाए हैं। अगस्त माह में ही उन्होंने पौन एकड़ में फसल लगाई है। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियन टीक एक पेड़ है इसी में काली मिर्च का नार बढ़ता है। काली मिर्च फसल से सिर्फ तीन साल में ही मुनाफा कमा सकते हैं। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियन टीक 10 से 12 साल में ऊंचा होता है।
मोहन ने बताया कि जिले में धान, फूल, सब्जी, दलहन व तिलहन की खेती तो सभी करते हैं, लेकिन वो कुछ नया करना चाहते थे। इसी कड़ी में उन्होंने इंटरनेट में इसके बारे में पढ़ा और इसे लगाने की सोची। उन्होंने बताया कि पौधे वर्तमान में बढ़ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियन टीक यह 100 फीट तक ऊंचा होता है। इसकी लकड़ी सीधी होती है और फर्नीचर बनाने में काम आती है। इस पेड़ की जड़ों में नाइट्रोजन होता है। जिसकी वजह से काली मिर्च की नार को पोषण मिलता है।
जिंक राइस की भी ले चुके है फसल
मोहन चंद्राकर ने बताया कि वे अपने अन्य खेत में इससे पहले वे जिंक राइस की फसल भी ले चुके हैं। जिंक राइस सेहत के लिए अच्छा रहता है। सांबा बांसुरी की फसल भी ले चुके हैं। यह शुगर के रोगियों के लिए अच्छा रहता है। ऐसे प्रयास वे लगतार कर रहे हैं।