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याद रहेगा अमिताभ बच्चन के साथ काम करना: फरहान अख्तर

Published: Nov 27, 2015 10:28:00 am

Submitted by:

Nidhi Sharma

बॉलीवुड में अभिनय से लेकर निर्देशन और प्रोडक्शन में
अपनी सफल पारी खेल चुके और इंडस्ट्री में अपना अलग ओहदा बनाने में कामयाब
रहे फरहान अख्तर वाकई

बॉलीवुड में अभिनय से लेकर निर्देशन और प्रोडक्शन में अपनी सफल पारी खेल चुके और इंडस्ट्री में अपना अलग ओहदा बनाने में कामयाब रहे फरहान अख्तर वाकई में बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।


खैर, फरहान अब अपने चाहने वालों के लिए फिल्म ‘वजीर’ लेकर आए हैं और इसमें वे अमिताभ बच्चन के साथ काम करके बड़ा ही एक्साइटेड हैं।


इसी सिलसिले में फरहान से हुई एक मुलाकात में उन्होंने राजस्थान पत्रिका से अपने करियर से रिलेटेड कई बातें शेयर कीं, जिनके पेश हैं कुछ महत्वपूर्ण अंश-


पहले तो ‘वजीर’ के सफर के बारे में कुछ बताइए?
सफर काफी अच्छा और एक्साइटमेंट भरा रहा। दरअसल, हर एक्टर चाहता है कि फिल्म की कहानी दमदार हो और उसका रोल भी बेहतर हो। हमारी टीम में सभी ने दिल-ओ-जान से मेहनत की है। इसके अलावा एक ऐसे इंसान के साथ काम करने का मौका मिला, जिन्हें देखकर मैं इंडस्ट्री में आना चाहता था। अमिताभ बच्चन जैसे सदी के महानायक के साथ अभिनय करने का सुनहरा मौका मिला, जिसे मैं पूरी उम्र याद रखूंगा।

amitabh bachchan with farhan akhtar

आपको फिल्म में एटीएस कॉप के रोल के लिए कितना होमवर्क करना पड़ा?

(थोड़ा जुदा अंदाज में…) किसी भी एक्टर को अपने रोल के लिए थोड़ा-बहुत होमवर्क तो करना ही पड़ता है। इसके अलावा डिसप्लिन और बॉडी लैंग्वेज को भी ध्यान में रखने की जरूरत होती है।

ऑडियंस को ध्यान में रखकर इस तरह के किरदारों को चुनना किस तरह की चुनौती होती है?
मेरा मानना है कि ऑडियंस अपने चाहने वालों से जो भी चाहती है, उसे करना चाहिए। हमारे फैंस ने हमेशा ही मुझे पॉजीटिव रिस्पॉन्स ही दिया है और लगता है कि मेरे इस रोल को भी लोग काफी पसंद करने वाले हैं। इसके अलावा एक्टर के तौर पर आपको खुद ही निर्णय लेना पड़ता है कि वाकई में आपके रोल को ऑडियंस खुद को किस तरह से रिलेट कर पाती है। इसलिए एक कहानी और उसके रोल को एक तरह का कनेक्शन मिलना चाहिए, ताकि आपके चाहने वालों को निराश न होना पड़े।

फिल्म ‘लक्ष्य’ में आपने अमिताभ बच्चन को डायरेक्ट किया है तो आपके लिए एक निर्देशक के तौर पर ज्यादा मुश्किल हुई या एक एक्टर के लिहाज से?
(एक्साइटमेंट के साथ…) देखिए, एक निर्देशक के तौर पर मुझे थोड़ी-बहुत दिक्कत हुई। क्योंकि इतने बड़े स्टार को निर्देशित करना मेरे लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। वैसे भी निर्देशक के तौर पर वह मेरी दूसरी ही फिल्म थी, इसलिए कई मायनों में मैं खुद भी नर्वस था। वैसे भी आपको इंडस्ट्री में आए दिन कुछ नया सीखने की जरूरत होती है और इस लिहाज से उस समय मैं हर कदम बहुत सोच-समझ कर ही उठाता था। खास बात तो यह है कि मैं उस समय नर्सवस हो गया था, जब स्क्रिप्ट लेकर मैं अमित जी के पास गया और उस पर लंबी चर्चा हुई।

amitabh bachchan with farhan akhtar

अमिताभ बच्चन के साथ कोई ऐसा सीन, जो आपके लिए यादगार हो?
फिल्म के आखिर में जो फाइनल सीन था, जिसमें लगता है कि मिशन अब जाकर पूरा हुआ है। उस सीन को देखकर लगता है कि वाकई में वह रोल एक मंझे हुए एक्टर का है, जो काफी सुलझा और जमा हुआ है। साथ ही एक सीनियर ऑफीसर को जोए एक्सपीरिएंस होता है कि उसने क्या किया होगा, जिसकी वजह से सफलता मिली। इस तरह से उन्होंने जो फिल्म में जो अभिनय किया है, उसे देखकर लगता है कि वह उतना आसान नहीं रहा होगा। इसके अलावा आखिरी सीन के लिए सुबह जल्दी उठकर उन्हें काफी ऊंचाई पर जाना पड़ा था, जो हर किसी के लिए आसान नहीं होता।

इंडस्ट्री में आप भी काफी लंबा समय बिता चुके हैं तो आप खुद को बी-टाउन में वजीर मानते हैं या राजा?
(हंसते हुए अंदाज में…) देखिए, मैं इन सारी चीजों की ओर ध्यान भी नहीं देता। बस, अपने काम पर ही एकाग्र रहता हूं। मेरे लिहाज से इस तरह की बातें थोड़ी किताबी ही होती हैं।

‘वजीर’ में अमिताभ बच्चन के साथ किस तरह का कनेक्शन रहा?
फिल्म के दौरान मेरे साथ एक ऐसी घटना होती है, जो तोड़कर रख देती है और पत्नी के साथ रिश्ता भी खत्म हो जाता है। यानी एक ऐसा मोड़ आता है, जहां वह इंसान काफी टूट चुका होता है, तब उनकी मुलाकात पंडित ओमकार नाथ धर (अमिताभ बच्चन) से होती है और वे ही उस घटना से उबरने का अहम रास्ता दिखाते हैं। इस दौरान दोनों की इतनी गहरी यारी हो जाती है कि हर निर्णय एक-दूसरे से पूछ कर ही लिया जाता है।

amitabh bachchan with farhan akhtar

निर्देशन से अधिक क्या आपको अभिनय पसंद करते हैं?

मेरे हिसाब से दोनों ही चीजें दिल के काफी करीब हैं। यह एक खुशी की बात है कि मुझे निर्देशक के तौर पर जो भी फिल्में मिल रही हैं, जो रोल मिल रहे हैं और इंडस्ट्री में जिन निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिल रहा है, मेरे लिए यह एक अच्छी उपलब्धि है। अब जब लाइफ में ऐसी चीजें स्वत: हो रही हैं तो मैं उन्हें डिस्टर्ब करना भी उचित नहीं समझता। इसके अलावा अगर मुझे लगे किस मैं इंडस्ट्री में जो करना चाहता हूं और वह मुझे नहीं मिल रहा है तो मैं आगे की सोचूंगा। फिलहाल, इस समय इसकी कोई जरूरत नहीं है।

क्या आप कश्मीर की वादियों में हुई शूटिंग का अनुभव शेयर करना चाहेंगे?

(एक्साइटेड होते हुए…) मेरा काफी अच्छा अनुभव रहा। क्योंकि मैं बचपन में कश्मीर की वादियों में गया था, यानी 80 के दशक के बाद से मुझे वहां जाने का मौका ही नहीं मिला। दिलचस्प बात तो यह है कि मैं बचपन में श्रीनगर के जिस होटल में ठहरा था, उसी होटल में फिर से ठहरने का मौका मिला।

amitabh bachchan with farhan akhtar

फिल्म से संबंधित कोई यादगार घटना या दुर्घटना?

ईश्वर का शुक्रिया अदा करता हूं कि शूटिंग के दौरान कोई दुर्घटना आदि नहीं घटी। इसके अलावा कई चीजें हैं, जो मुझे याद रहेंगी। उनमें से खास यह है कि मैं अमिताभ बच्चन के साथ पहली बार इस तरह से काम करने का मौका मिला।

‘डॉन 2’ के बाद आप किस तरह की फिल्म या स्टोरी पर काम कर रहे हैं?
प्रोड्यूसर के तौर पर मेरे पास कई सारी फिल्में हैं, जिनमें ‘रईस’ खास है। इसके अलावा जब ‘रॉक ऑन 2’ की शूटिंग फरवरी 2016 में खत्म होगी, फिर उसी के बाद मैं सोचूंगा कि मुझे क्या लिखना है।
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