पुलिस के मुताबिक ग्राम लहरौद की भूमि खसरा नंबर 897 राजस्व अभिलेखों में बड़े झाड़ के जंगल के रूप में दर्ज है। उक्त शासकीय मद की भूमि को तत्कालीन हल्का पटवारी बेंजामिन सिक्का ने एक महिला खेमिन बाई के नाम से राजस्व अभिलेखों में कूटरचित ढंग से दर्ज कर दिया तथा उसे ऋण पुस्तिका बनाकर दे दिया था। राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण में उक्त भूमि के प्रभावित होने से शासन द्वारा उसे अधिग्रहण किया गया है। अधिग्रहण के एवज में खेमिन बाई के नाम से 8 लाख 88 हजार का अवार्ड पारित करते हुए चेक के माध्यम से राशि भी प्रदान कर दी गई है।
जब इस मामले की शिकायत हुई तो पिथौरा के एसडीएम श्रवण कुमार टंडन जांच पड़ताल करते हुए तथ्य को सही पाया है कि जिस भूमि का अवार्ड खेमिन बाई के नाम से पारित हुआ है, वह भूमि वास्तव में शासकीय भूमि बड़े झाड़ के जंगल की भूमि है। इसका भूमि स्वामी अधिकार पट्टा नहीं बन सकता है। खेमिन बाई की शिकायत पर एसडीएम द्वारा जांच किए जाने पर यह तथ्य सामने आया था कि शिव तिवारी नामक व्यक्ति ने खेमीन बाई को झांसे में रखकर उसके नाम से पट्टा बनवाया और उक्त राशि को स्वयं हड़प ली।
एसडीएम पिथौरा की रिपोर्ट के आधार पर थाना पिथौरा में शिव तिवारी के विरूद्ध अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में शिव तिवारी जिला जेल महासमुंद में है। पुलिस को जांच में पता चला कि फर्जी ढंग से ऋण पुस्तिका बनाने में तत्कालीन हल्का पटवारी बेंजामिन सिक्का भी संलिप्त हैं। पुलिस ने बीती रात तत्कालीन पटवारी को गिरफ्तार कर लिया है।
थाने में एक और मामला दर्ज
पटवारी हल्का- 4 ग्राम लहरौद के तत्कालीन पटवारी बेंजामिन सिक्का वर्तमान में विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर रायपुर में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ हैं। बताया जाता है कि उनके विरूद्ध पिथौरा थाना में एक और फर्जीवाड़े की जांच चल रही है। उक्त रिपोर्ट पिथौरा के तत्कालीन एसडीएम अभिषेक अग्रवाल के निर्देश पर तहसीलदार विश्वासराव मस्के ने दर्ज कराई थी। ग्राम टेका की शासकीय भूमि को गलत ढंग से कुछ लोगों के नाम से दर्ज करा कर उसे बेचने का आरोप है।