ज्ञात हो कि आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए नगर पालिका के पास न पर्याप्त संसाधन है न ही कर्मचारी। फायर स्टेशन से आने वाले गांवों की दूरी भी ज्यादा है। जिले में 6 फायर ब्रिगेड हैं। इनमें पांच चालू हालत में हंै, वहीं एक खराब है। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण इलाकों में होती है। गंभीर दुर्घटना होने पर रायपुर से फायर ब्रिगेड मंगाना पड़ता है। फायर ब्रिगेड कर्मचारियों के सूट व उन्नत उपकरणों को अग्निरोधक दस्तों में शामिल नहीं किया गया है।
शहर में केवल तीन कर्मचारी ही एक फायर बिग्रड के लिए हैं। लगभग 6 कर्मचारी फायर ब्रिगेड में होने चाहिए। ऐसे में कर्मचारियों को मशक्कत करनी पड़ती है। गौरतलब है कि रविवार को ग्राम परसदा में एक मकान की बाड़ी में आग लग गई थी। आग घर तक फैल गई। यहां 11 बजे आग लगी थी और फायर ब्रिगेड विभाग ने एक बजे आग पर काबू में पाया। वहीं रविवार को भी कोटनीपाली में सिलेंडर फटने से आग लग गई थी, जिसे भी काफी मशक्कत के बाद बुझाया गया।