हालांकि, हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथी को लेकर दहशत बरकरार है। लोग तेंदूपत्ता तोडऩे के लिए जंगल में जाने से कतरा भी रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी तोड़ाई व संग्रहण प्रारंभ हुआ है। ज्ञात हो कि तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य के सफल संपादन के लिए आठ जोनल अधिकारी, 75 पोषक अधिकारी एवं 795 संग्रहण केन्द्रों पर फड़ अभिरक्षकों की नियुक्ति की गई है।
जिले में 75 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 795 तेंदूपत्ता संग्रहण केन्द्रों में लगभग 95 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। वहीं इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण की दर दो हजार 500 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा किया गया है।
गौरतलब है कि महासमुंद क्षेत्र में हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही यहां दंतैल जंगली हाथी ने खेत में सो रहे एक किसान को अपने पैरो तले कुचल दिया। इसके अलावा काफी दिनों से 15 से 20 जंगली हाथियों का समुह जंगल से निकलकर शहर की ओर बढ़ रहा है।
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