जानकारी के मुताबिक जिन गांवों में हाथियों की आवाजाही का ज्यादा डर है, वहीं इस तकनीक का प्रयोग ज्यादा किया जा रहा है। किसानों के मुताबिक पैरा में मिर्ची व तंबाकू को डालकर मशाल बनाएंगे। पेड़ में हाथियों के पहुंच के ऊपर इसे लटकाएंगे। जलते हुए मशाल के धुएं के कारण हाथी अपनी दिशा बदल लेंगे। तीन साल पहले ऐसा प्रयोग किया गया था। अब हाथी मित्र दल ऐसा ही प्रयोग करने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है।
अभी वन विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से गुड़रूडीह, मालीडीह, पिरदा, बिरबिरा, बांसकुड़ा, फुसेराडीह, खिरसाली, बंदोरा, केशलडीह, सुकुलबाय, नांदबारू, तालाझर, छताल डबरा, मुरुमडीह, अमलोर, पासिद, मुडिय़ाडीह, बोरिद आदि गांव के किसान प्रयोग के तौर पैरा में मिर्ची व तंबाकू डालकर मशाल तैयार कर रहे हैं। हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि अब गांव के लोग प्रयोग के तौर पर मशाल तैयार करने में लगे हुए हैं।