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रणजीत सिंह का नाम विलोपित करने का विरोध, लोगों ने स्कूल में जड़ दिया ताला

locationमहासमुंदPublished: Apr 05, 2022 05:22:56 pm

Submitted by:

Jitendra Satpathi

महासमुंद. शासकीय रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिथौरा का नाम विलोपित कर स्वामी आत्मानंद रखने से नाराज आदिवासी समाज, सर्व समाज, पूर्व छात्र संघ समेत अन्य सामाजिक लोगों ने सोमवार की सुबह स्कूल में ताला जड़ दिया। इससे ओपन परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूल प्रबंधन के निवेदन के बाद परीक्षा में शामिल होने दिया गया।

रणजीत सिंह का नाम विलोपित करने का विरोध, लोगों ने स्कूल में जड़ दिया ताला

रणजीत सिंह का नाम विलोपित करने का विरोध, लोगों ने स्कूल में जड़ दिया ताला

महासमुंद. शासकीय रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिथौरा का नाम विलोपित कर स्वामी आत्मानंद रखने से नाराज आदिवासी समाज, सर्व समाज, पूर्व छात्र संघ समेत अन्य सामाजिक लोगों ने सोमवार की सुबह स्कूल में ताला जड़ दिया। इससे ओपन परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूल प्रबंधन के निवेदन के बाद परीक्षा में शामिल होने दिया गया।
सोमवार को स्कूल में तालाबंदी की खबर लगते ही प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम ऋतु हेमनानी, नायब तहसीलदार देवेंद्र नेताम समेत पूरी टीम सुबह से ही डटी रही। करीब 11 बजे के आस-पास प्रशासन व सामाजिक लोगों के बीच बातचीत के बाद आंदोलन को स्थगित किया गया। गौरतलब हो कि रंजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 62 वर्षों से नगर में संचालित है। शाला की उक्त भूमि भी कौडिय़ा राजा रणजीत सिंग की देन बताई जाती है। सर्व आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश गोलू रावल ने कहा हम स्वामी आत्मानंद स्कूल का स्वागत करते हंै, लेकिन महाराजा रणजीत सिंग का नाम विलोपित नहीं करना चाहिए। हम इस बात का विरोध करते हैं। ठाकुर अनंत सिंह वर्मा ने बताया कि रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सन 1958 से संचालित है। जमीन क्षेत्र के आदिवासी नेता राजा रणजीत सिंह की देन है। हमें स्वामी आत्मानंद विद्यालय से कोई भी परेशानी नहीं है, लेकिन कौडिय़ा राज के राजा रणजीत सिंह की स्मृति है, उसे विलोपित करना उचित नहीं है।
स्कूल का नाम यथावत रखने की मांग
पूर्व छात्र योगेश्वर डड़सेना ने कहा कि 1958 से शासकीय रंजीत कृषि शाला संचालित है। अचानक स्कूल का बोर्ड हटाकर आत्मानंद कर देना उचित नहीं है। पोर्टल से भी नाम हटाया जा चुका है। शासन हमें भ्रमित कर हमारी सबसे पुरानी शाला को विलोपित कर स्वामी आत्मानंद स्कूल में तब्दील किया जा रहा है। हमारी यही मांग है कि शाला का नाम रंजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय यथावत रखा जाए। आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष मनराखन ठाकुर ने कहा कि यदि मांगें पूर्ण नहीं होती है, तो 21 अप्रैल को उग्र आंदोलन किया जाएगा। 20 अप्रैल तक वेबसाइट पर रणजीत सिंह का नाम होना चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी एस चंद्रसेन ने बताया कि शासन स्तर का मामला है। शासन ही नाम पर विचार कर सकती है। हमने प्रस्ताव बनाकर भेजा है। परीक्षा में कोई बाधा नहीं आई। छात्र परीक्षा में शामिल हुए हैं।
एसडीएम ऋतु हेमनानी ने बताया कि हमें जो मांग मिली है, शासन स्तर पर इसका प्रस्ताव चला गया है। संभावना है इसमें सकारात्मक निर्णय आएगा।

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