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महासमुंद

मरीजों को अस्पताल ले जाने वाली संजीवनी खुद ही बीमार, 12 दिनों से गैरेज में पड़े एंबुलेंस

सरायपाली, बसना और बागबाहरा की संजीवनी गाडिय़ों को राजधानी बनने के लिए भेजा गया है

महासमुंदAug 12, 2018 / 01:39 pm

Deepak Sahu

ambulance

मरीजों को अस्पताल ले जाने वाली संजीवनी खुद ही बीमार, 12 दिनों से गैरेज में पड़े एंबुलेंस

महासमुंद. सडक़ दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए सडक़ों पर दौड़ रही 108 संजीवनी एम्बुलेंस कंडम होकर हांफ रही हैं। इन गाडिय़ों को सबसे ज्यादा इलाज की जरूरत है। यही नहीं, सरायपाली और बसना में चलने वाली एम्बुलेंस पिछले 12 दिनों से राजधानी के गैरेज में पड़ी है। बागबाहरा की संजीवनी वाहन का भी यही हाल है।

जानकारी के मुताबिक सडक़ों पर दौड़ रहीं १०८ संजीवनी गाडिय़ां ढाई लाख किमी से ज्यादा दौड़ चुकी हैं। मरम्मत नहीं होने से इसके कलपुर्जे हिल रहे हैं। धकेलकर स्टार्ट करने की नौबत आ रही है। सरायपाली, बसना और बागबाहरा की संजीवनी गाडिय़ों को राजधानी बनने के लिए भेजा गया है। उसकी जगह अन्य गाड़ी की व्यवस्था की गई है। बसना क्षेत्र में संजीवनी गाड़ी नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सिर्फ जिला मुख्यालय में मौजूद संजीवनी ठीक है। जिले में ७ संजीवनी १०८ एम्बुलेंस हैं। इसमें से केवल चार चल रही हैं। बागबाहरा के संजीवनी गाड़ी के शीशे टूट गए हैं। रस्सी से दरवाजा लटक रहा है। ज्ञात हो कि बसना दो मोटरसाइकिल की भिड़ंत में गंभीर रूप से घायल दो युवक सडक़ पर तड़पते रहे। घटना के बाद संजीवनी 108 को फोन किया गया, लेकिन जब काफी देर तक वहां नहीं पहुंची तो, पुलिस थाना को सूचना दी गई। संजीवनी 108 नहीं पहुंचने पर बसना पुलिस थाना के वाहन से दोनों गंभीर रूप से घायल युवकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जिसमें एक की मौत हो गई।

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