scriptआधार कार्ड बनवाने आए ग्रामीणों के पास नहीं था घर जाने का साधन, तहसीलदार ने परिसर में की खाने और सोने की व्यवस्था | Tehsildar arranges food and sleeping arrangements for rulers | Patrika News

आधार कार्ड बनवाने आए ग्रामीणों के पास नहीं था घर जाने का साधन, तहसीलदार ने परिसर में की खाने और सोने की व्यवस्था

locationमहासमुंदPublished: Jul 24, 2019 01:03:52 pm

Submitted by:

Bhawna Chaudhary

आधार कार्ड (Aadhar Card) का काम कराने पहुंचे ग्रामीणों के पास वापस जाने के किए कोई साधन नहीं था तो तहसीलदार (Tehsildar) केके चन्द्राकर द्वारा तहसील परिसर में ही भोजन और रूकने का व्यवस्था की गई।

adhar card

आधार कार्ड बनवाने आए ग्रामीणों के पास नहीं था घर जाने का साधन, तहसीलदार ने परिसर में की खाने और सोने की व्यवस्था

महासमुंद. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना तहसील में सैकड़ो लोग आधार कार्ड का काम करवाने पहुंच रहे है। इस आधार कार्ड (Aadhar Card) का फायदा लेने एक गांव के बच्चों सहित 6 लोग ऐसे थे जो दुरस्त अंचल और ग्रामीण क्षेत्र जमनीडीह से आए थे।

इन ग्रामीणों के पास वापस जाने के किए कोई साधन नहीं था और मंगलवार को आधार कार्ड भी नहीं बन पाया। चूंकि सुबह से ही आधार कार्ड का काम करते करते भीड़ को देखते हुए रात 9 बजे तक तहसील कार्यालय में काम चला।

adhar card

देर रात हो जाने की वजह से जमनीडीह के ग्रामीणों को तहसीलदार केके चन्द्राकर द्वारा तहसील परिसर में ही भोजन और रूकने का व्यवस्था की गई।ज्ञात हो कि 29 तारीख़ तक राशनकार्ड का नवीनीकरण किया जाना है।

बसना तहसीलदार चन्द्राकर ने बताया कि आधार कार्ड बनाने आए लोग फार्म को आधा अधूरा भर कर जमा कर रहे हैं। इसलिए भी थोड़ा समय ज्यादा लग रहा है लेकिन अभी 400 के संख्या में आधार कार्ड बनाया जा रहा है। 4 डिवाइस और ऑपरेटरों को सुबह से लेकर रात 9 बजे तक प्रत्येक दिन कार्य करवाया जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो