महासमुंद (Mahasamund) जिले में हाथियों का आतंक (Wild Elephant Terror) इतना बढ़ चुका है कि ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। जिला मुख्यालय के नजदीक रिहायशी इलाकों में दो दंतैल (Wild Elephant) की आमद से वन विभाग (Forest Department) में हडक़ंप मच गया। ग्रामीणों के अनुसार बीती रात करीब 3 बजे परसकोल ईंटभट्ठे के समीप के तालाब में दोनों हाथी (Haathi) डुबकी लगा रहे थे। लोगों ने पुलिस व वन विभाग को इसकी सूचना दी।
ओडिशा से पहुंचे जंगली हाथी मचा रहे उत्पात, तोड़ रहे ग्रामीणों का घर
महासमुंद. जिला मुख्यालय के नजदीक रिहायशी इलाकों में दो दंतैल (Wild Elephant) की आमद से वन विभाग (Forest Department) में हडक़ंप मच गया। वन अफसर तत्काल मौके पर पहुंचे और लोगों को अलर्ट करने के लिए मुनादी भी करवाई। दिनभर इस इंतजार में डटे रहे कि कब हाथियों का मूवमेंट (Elephant Movement) फिंगेश्वर की तरफ हो। खदेडऩे का प्रयास भी रात तक जारी रहा।
इसके पहले मोंगरा तक हाथी (Elephant) आ गए थे और अब जिला मुख्यालय के नजदीक पहुंचने से लोग दहशत में आ गए हैं। सोमवार (Monday) की रात दो दंतैल (Wild Elephant) गरियाबंद के जंगल से लचकेरा के रास्ते महासमुंद शहर के पास पहुंच गए। RTO दफ्तर से आधा किमी दूर लव चंद्राकर के खेत में हाथी बैठे रहे। शिवानंद कॉलोनी और परसकोल के लोग मंगलवार को सुबह सो कर उठे तो घर से कुछ दूरी पर दो दंतैल (Wild Elephant) को देख उनके होश उड़ गए। लोगों ने पुलिस व वन विभाग को इसकी सूचना दी।
सूचना मिलते रेंजर मनोज चंद्राकर के नेतृत्व में अमला मौके पर पहुंचा और हाथियों (Elephant) को शहर की ओर बढऩे से रोकने की कोशिश करता रहा। ग्रामीणों के अनुसार बीती रात करीब 3 बजे परसकोल ईंटभ के समीप के तालाब में दोनों हाथी (Elephant) डुबकी लगा रहे थे। काम करने पहुंचे श्रमिकों ने हाथियों (Wild Elephant) को देख वहां से जान बचाकर भागे। इसके पहले सोमवार को लचकेरा में हाथियों की आमद से लोग दिनभर दहशत में रहे। रात होते ही हाथियों के कदम महासमुंद की ओर बढ़ गए। लव कुमार चंद्राकर के खेत के पास दंतैल (Wild Elephant) एक पेड़ के नीचे बैठ गए। धूप तेज के कारण दोनों वहीं डटे रहे।
रेंजर मनोज चंद्राकर ने बताया कि दंतैल (Wild Elephant) सिरपुर क्षेत्र के नहीं हैं, ओडिशा के हैं, जो गरियाबंद के रास्ते लचकेरा होते हुए महासमुंद पहुंचे। सूचना पर जनहानि न हो इसके पूर्व वन अमला डटा हुआ है। नाले के पास से दंतैल (Wild Elephant) वापस खेतों में आ रहे हैं। रेंजर मनोज चंद्राकर ने बताया कि दंतैल (Wild Elephant) को खदेडऩे के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। रात में मशाल जलाकर हाथियों को लचकेरा के रास्ते उन्हें गरियाबंद के जंगल की ओर खदेड़ा जाएगा। ज्ञात हो कि हाथियों (Haathi) के उत्पात से पहले ही सिरपुर क्षेत्र के 52 गांव परेशान हैं। आए दिन हाथी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
घरों में घुसकर हाथियों (Elephants) ने मचाया उत्पात इधर, सिरपुर क्षेत्र के ग्राम खिरसाली में हाथियों ने सोमवार-मंगलवार की रात जमकर उत्पात मचाया। हाथी गांव की गलियों में विचरण करते देखे गए। घरों में घुसकर तोडफ़ोड़ की। वहीं आंगन में सो रहे ग्रामीण जब हाथियों (Elephants) को गली में घूमते देखा तो जान बचाकर घर के अंदर चले गए।
इधर, रात में वन विभाग (Forest Department) को इसकी सूचना दी, लेकिन न तो गजराज वाहन आया और न ही गश्ती दल। हाथी भगाओ फसल बचाओ (Haathi Bhagao Fasal Bachao) समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि गांव वाले रात में सुरक्षा के लिए इंतजार करते रहे। इधर, गलियों में तबाही मचाने के बाद हाथी सुबह तालाब की ओर गया और पानी पीने के बाद फैंसिग को तोड़ते हुए खेतों में पहुंचकर धान की फसल को नुकसान पहुंचाया। वन विभाग की मदद नहीं मिलने से ग्रामीण आक्रोशित हैं।
अब शहर भी महफूज नहीं अब तक सिरपुर क्षेत्र में हाथियों का आतंक था। अब शहर में उत्पात मचाने के लिए हाथी पहुंच गए हैं। इससे वन विभाग द्वारा उत्पाती हाथियों को रोकने के तमाम दावों पर पोल खुल गई है। एक दिन की दहशत से वन विभाग को पता चल गया कि सिरपुर क्षेत्र के लोग किस कदर हाथियों के आतंक के साये में जी रहे हैं। मंगलवार को दिनभर वन अमला भी हाथियों को देखता रहा है। खदेडऩे की कोशिश की, पर आगे नहीं बढ़े। कुछ लोगों का कहना था कि शहर के नजदीक पहुंचे दोनों दंतैल सिरपुर क्षेत्र से पहुंचे हैं।
दंतैलों को छत से देख रहे लोग लोगों को जैसे ही शहर के समीप हाथियों के पहुंचने की सूचना मिली, बड़ी संख्या में पहुंच गए। कुछ अपने घर की छत पर चढ़ गए। एक तरफ गजराज वाहन द्वारा विभाग की टीम लगातार हाथियों पर नजर रख रही थी, वहीं वनपरिक्षेत्र व वन प्रशिक्षण शाला के कर्मचारी घेराबंदी कर लोगों को हाथियों के करीब जाने से रोक रहे थे। ग्राम परकोल के ग्रामीण दिनभर पेड़ के नीचे दंतैल को देखने समय गुजार दिए। ग्राम भलेसर की ओर से ग्रामीण पेड़ों में चढकऱ दंतैल को देख रहे थे। वन अमला बार-बार उन्हें वहां से हटने की समझाइश दे रहा था।
ओडिशा से पहुंचे हाथी महासमुंद के रेंजर मनोज चंद्राकर ने बताया कि दो दंतैल ओडिशा से गरियाबंद, लचकेरा के रास्ते जिला मुख्यालय पहुंचे। पूरा विभाग व गजराज परियोजना की टीम दंतैल पर नजर रखी हुई थी और कोशिश की जा रही थी कि किसी भी स्थिति में हाथी शहर के अंदर प्रवेश न करें।