दरअसल, यह पूरा मामला सरायपाली के कलेण्डा क्वारेंटाइन सेंटर का है। जानकारी के अनुसार सारंगढ़ निवासी महिला ने रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में 18 मई को दो स्वस्थ जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। इसके बाद वह अपने माता-पिता के साथ सरायपाली विकासखण्ड के ग्राम कलेण्डा पहुंची, यहां वह स्वेच्छा से कलेण्डा के शासकीय हाईस्कूल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में 24 मई से रह रही थी।
बताया जा रहा है कि मंगलवार-बुधवार देर रात महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने रातों-रात करीब तीन बजे महिला को सरायपाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया गया। महिला की मौत से उसके दो जुड़वा बच्चे बेसहारा हो गए हैं।
उधर, मृतक महिला के परिजनों ने जिला प्रशासन पर क्वारेंटाइन सेंटर में सुविधाओं के अभाव का आरोप लगाया है। परिजनों ने कहा, तबियत बिगड़ने पर समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से महिला की मौत हुई। मृतक महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए सरायपाली भेजा गया है। बता दें कि बीते रविवार को कोरबा के बुधवारी बस्ती में रहने वाले एक बुजुर्ग बसीर खान की घंटाघर स्थित क्वारंटाइन सेंटर में तबीयत ख़राब होने से मौत हो गई थी।