कार्यक्रम का प्रतिवेदन देते हुए डीएमसी हिमांशु ने बताया कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समावेशी शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने हेतु इस विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कलक्टर महासमुंद ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा की समाज के वंचित वर्ग एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों व्यक्तियों को साथ लेकर चलना हमारा दायित्व ही नहीं हमारी जिम्मेदारी भी है जिसे हमें विद्यालय से लेकर घर तक निभाना है जिसके लिए शासन की विभिन्न योजनाएं भी संचालित हैं। आवश्यकता है शिक्षा को पूर्णता समावेशी बनाने की।
एपीसी डीएन जांगड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि संपूर्ण जिले से विकासखंड शिक्षा अधिकारी ,सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी संकुल,समन्वयक प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के शिक्षकों एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के पालकों को आमंत्रित किया गया था, जिसके अंतर्गत 182 प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दी।
प्रथम चरण में अनीता निर्मलकर बीआरपी सीडब्ल्यूएसएन ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों हेतु समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत समावेशी शिक्षा की गतिविधियों एवं ब्रेल अभ्यास, रंभा जायसवाल बीआरपी ने दिव्यांगता पर प्रतिभागियों की समझ व ज्ञान पर चर्चा के साथ-साथ साइन लैंग्वेज अल्फाबेट के अभ्यास के बारे में बताया। राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ मंजीत बल, श्रवण वर्मा एवं रिंपा वर्मा ने 21 प्रकार की दिव्यांगता ,उनके पहचान व लक्षण दिव्यांगजनों की चुनौतियां दिव्यांग अधिकार अधिनियम पर प्रश्नोत्तरी के माध्यम से विशेष जानकारी दी दृष्टिबाधित बच्ची ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया वहीं श्रवण बाधित बच्चे ने साइन लैंग्वेज में प्रश्न पूछा जो रोचक रहा।
द्वितीय सत्र में समूह कार्य एवं नाटिका मंचन के माध्यम से दिव्यागता के अलग-अलग प्रकारों पर बच्चों से व्यवहार के तरीके समावेशी शिक्षा कि समाज सेवी संस्था,मीडिया अधिकारी, कर्मचारी, पालक की भूमिका पर परिचर्चा हुई शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए उपचारात्मक शिक्षा पर ओम नारायण शर्मा राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर ने विस्तृत चर्चा के साथ जानकारी दी।
अंत में जिला समन्वयक हिमांशु भारती ने अन्य विभागीय चर्चा एवं दिशा निर्देश दिए, संपूर्ण कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संपादित करने में बी आर सीसी महासमुंद योगेश्वर साहू,कमलनारायण चंद्राकर,पीसी पुरोहित,हीना धालेन, संकुल समन्वयक आशीष साहू ,सतीश तिवारी नीरज साहू, सुरेन्द्र अग्निहोत्री, अशोक साहू , तुलसीराम नेताम,तुलाराम डडसेना,पीताम्बर राव पाठक ,यादराम ध्रुव, अशोक शर्मा ,धरम पटेल,थनेश्वर मार्कण्डेय, जोगेंदर गिलहारे,सत्यानंद जेंद्रे,मोहन किशोर साहू,खिलावन कंद्रा,गोविंद ध्रुव, शिवकुमार दीवान, जी आर बैरवा,केशव साहू कपिल यादव, संजय आडे का विशेष योगदान रहा। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन एपीसी डीएन जांगड़े द्वारा किया गया। उपरोक्त जानकारी संकुल समन्वयक आशीष साहू ने दी है।