जेल डीआईजी वी आर वर्मा ने करीब 4 घंटों तक एक एक बैरिक में जाकर जेल में निरुद्ध बन्दियों से हाल जाना। जेल में चार सौ से अधिक बंधियों ने मौत के बाद से खाना पीना बंद कर दिया था। ऐसे बंदियों को समझाकर भोजन भी कराया गया। अधिकारी कैदी की मौत को हार्ट अटेक से हुई मौत बता रहे है।
संदिग्ध मौत के बाद से चर्चा में आया मामला
विवादों में रहने वाला जिला उपकारागार कैदी भूप सिंह की संदिग्ध मौत के बाद से चर्चा में आ गया है। महोबा जिला उपकारागार में बीते एक साल से हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी भूप सिंह की कल अचानक तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर मृतक कैदी के परिजनों ने जेल प्रशासन पर मारपीट का आरोप लगाया था तो वहीं बंदी की अचानक मौत से नाराज होकर जेल के सभी कैदियों ने बीते 24 घंटों से खाना बंद कर दिया था।
इन दोनों मामलों को गंभीरता से लेते हुए जेल आईजी के निर्देश पर जेल डीआईजी वी०आर० वर्मा ने महोबा जिला उपकारागार का निरीक्षण किया है। एडीएम प्रशासन के साथ तीन सदस्यीय टीम मामले की पूरी निगरानी कर कार्रवाई में जुटी है। जेल में बंद कैदियों ने बताया कि मृतक को सही इलाज नहीं मिल पाया और उसकी मौत हो गई। हम कैदी 24 घण्टे से भूखें है और खाना नहीं खाएंगे।
भूप सिंह की हुई संदिग्ध मौत के बाद प्रशासन हरकत में
दरअसल महोबा जिला उपकारागार में बंदी भूप सिंह की हुई संदिग्ध मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया। आज जेल डीआईजी वी आर वर्मा जेल पहुंचे और चार घंटों तक जेल में पूछताछ की। कैदियों को भी खाना खाने के लिए मनाया गया। कैदी की मौत को लेकर अधिकारी बताते है कि बंदी की अचनाक तबियत ख़राब हुई और हार्ट अटेक आने से उसकी मौत हो गई। बंदी को इलाज न मिलने से उसकी मौत हुई है। इसको लेकर एक जांच टीम गठित की गई है जो पुरे मामले की जांच कर रहा है। जेल में निरिक्षण के दौरान कोई भी कमी नहीं पाई गई और न ही आपत्ति जनक सामग्री मिली है।