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बुंदेलखण्ड किसानों ने सूखा घोषित किये जाने और मुआवजे की मांग को लेकर झांसी मिर्जापुर राष्टीय राजमार्ग पर लगाया जाम

locationमहोबाPublished: Sep 20, 2017 08:50:10 am

दैवीय आपदाओ का दंश झेल रहे बुन्देलखण्ड में एक बार सूखा होने से किसान चिंतित है।

bundelkhand kisan union

किसानों का मानना है कि बीजेपी सरकार ने उनके साथ वादा खिलाफी की है।

महोबा. दैवीय आपदाओ का दंश झेल रहे बुन्देलखण्ड में एक बार सूखा होने से किसान चिंतित है। यहीं वजह है कि बुंदेलखंड किसान यूनियन के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने सूखा घोषित किये जाने और मुआवजे की मांग को लेकर झांसी मिर्जापुर राष्टीय राजमार्ग को पूरी तरह जाम कर दिया। जाम से सैकड़ों वाहन फंसे रहे। तकरीबन पांच घंटे लगे इस जाम में किसान सूखा घोषित किये जाने की मांग कर रहे थे। प्रभारी डीएम के आने और आश्वासन देने के बाद किसानों ने बमुश्किल जाम खोला। इस बीच कई बार किसानों की पुलिस से नोक झोंक भी हुई। प्रशासन ने 15 दिन का समय मांगा है यदि तब तक सूखा घोषित नही हुआ तो किसान यूनियन फिर से सड़कों पर उतर आयेगी।

देखें फोटो – बुंदेलखंड किसानों ने लगाया जाम

बुन्देलखण्ड का किसान सूखे की आपदा से ग्रस्त है लेकिन सरकार ने अभी तक इस क्षेत्र को सूखा घोषित नही किया है। कई बार प्रशासन के माध्यम से शासन तक बात पहुंचाई गई मगर कोई राहत न मिलने से अब किसानों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है। पूर्व में पड़े सूखे का भी पूरा मुआवजा अभी तक नहीं मिला और कर्ज माफ़ी में भी उनके साथ मजाक किया गया ! किसानों का मानना है कि बीजेपी सरकार ने उनके साथ वादा खिलाफी की है।

 

किसानों को धोखे में रखकर उनसे वोट लिया गया है पहले कर्जमाफी उसके बाद लघु और सीमांत फिर एक लाख तक कर्ज माफ़ी तो सरकार सबसे बड़ा मजाक अन्न दाता के साथ हुआ है ! यहीं वजह है कि महोबा जनपद की तहसील कुलपहाड़ के जनतंत्र इंटर कॉलेज में एक विशाल धरना प्रदर्शन किया गया जिसमे किसान डीएम को ज्ञापन लेने कर लिए बुलाये जाने की मांग पर अड़े थे। लेकिन डीएम द्वारा न आने से नाराज किसान सड़कों पर उतर आए और झांसी मिर्जापुर राष्टीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया। तकरीबन पांच सौ से भी अधिक किसान सड़कों पर बैठ गए। प्रदर्शन में शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधि विरोधी जमकर नारेबाजी की गई। किसान हाथो में फसलें लेकर प्रदर्शन करते रहे। कई बार एसडीएम कुलपहाड़ और एएसपी ने जाम खुलवाने का प्रयास किया मगर विफल रहे। किसान डीएम महोबा को बुलाये जाने और ठोस आश्वासन दिए जाने की मांग पर अड़े रहे। इस बीच कई बार किसानों और पुलिस की तीखी नोक झोंक भी देखने को मिली।

 

किसानों का आरोप था कि प्रशासन सूखे को लेकर गलत रिपोर्ट शासन को भेज रहा है जबकि महोबा सहित पूरे बुन्देलखण्ड में सुखा है। किसान डीएम और कमिश्नर मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। जाम में फंसे लोग भी खासे परेशान नजर आए। यात्रियों को खासी दिक्कतें भी झेलनी पड़ी। शाम 6 बजे तक जाम खुलता न देख आखिरकार प्रभारी डीएम मौके पर पहुंचे और किसानों को 15 दिनों का आश्वासन देकर जाम को खुलवाया गया। इसको लेकर बुन्देलखण्ड किसान यूनियन के राष्टीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ने 15 दिनों का आश्वासन दिया है। प्रभारी डीएम के माध्यम से पीएम और सीएम को 8 सूत्रीय मांग पत्र भेजा जा रहा है जिसमे सूखा घोषित करने मुआवजा देने और बुन्देलखण्ड अलग राज्य बनाये जाने की मांग की गई है। यदि 15 दिनों में सूखे की मांग नही मानी गई तो फिर किसान सड़कों और रेल की पटरियों पर प्रदर्शन करेगा।
वहीं इस मामले को लेकर प्रभारी डीएम का भी मानना है कि महोबा में पूरी तरह सूखा है। किसानों की मांगे जायज है। इसे शासन तक पहुंचाया जा रहा है। सूखे के सर्वे रिपोर्ट भी जा रही है।15 दिनों में ये सब हो जाएगा !

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