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पुत्रों की मौत पर न्याय की मांग रहा परिवार बैठा आमरण अनशन पर, पुलिस पर लगाए मामले को दबाने के आरोप

locationमहोबाPublished: Mar 08, 2018 10:37:05 am

4 माह पूर्व दशहरे के दिन मूर्ति विसर्जन के दौरान शहर के कीरत सागर तालाब में दो युवकों की डूबने से मौत हो गई थी ।

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महोबा. 4 माह पूर्व दशहरे के दिन मूर्ति विसर्जन के दौरान शहर के कीरत सागर तालाब में दो युवकों की डूबने से मौत हो गई थी । युवकों की मौत पर मृतकों के परिवारीजनों का आरोप था की हमारे बेटों को पड़ोस में रहने वाले कुछ युवक मूर्ति विसर्जन के बहाने घर से ले गए और उन्हें पानी मे डूबाकर मौत के घाट उतार दिया है । परिवारीजनों ने उस समय एसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजने की मांग की थी । लेकिन आज तक कोई गिरफ्तारी न होने और न्याय न मिलने से मृतकों के परिवारीजन अनशन में बैठ गए है और आरोपियो पर कार्यवाही की माँग कर रहे हैं ।

घटना बीते चार माह पूर्व महोबा कोतवाली के कीरत सागर तालाब में घटी थी । जहां मूर्ति विसर्जन के दौरान कांशीराम कालोनी में रहने वाले जीतेन्द्र और राहुल मूर्ति विसर्जित करते समय गहरे पानी में डूबकर मौत की आगोश में समा गए थे । परिवारीजनो ने घटना को सुनियोजित साजिश बताकर 8 लोंगो के खिलाफ लिखित तहरीर दी थी । आरोपियो पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही न होने से नाराज परिवाजनों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। और कांशीराम कालोनी स्थित अपने निवास के बाहर अनशन पर बैठ गए हैं ।


पूरी घटना चार माह पूर्व की है,दरअसल शहर कोतवाली क्षेत्र के राठ रोड पर बने कांशीराम कालौनी में रहने वाले भगवती प्रसाद का पुत्र राहुल और पड़ोस में रहने वाली ज्ञानदेवी का पुत्र जितेंद्र दशहरे के दिन मूर्ति विसर्जन के लिए कीरत सागर तट पर गए थे जहां उनकी डूबने से मौत हो गई थी इस मामले में मृतकों के परिजनों ने इस घटना को साजिशन हत्या बता कर पड़ोस में ही रहने वालों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा भी दर्ज कराया था। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही नही की। आज तक आरोपी न तो गिरफ्तार किए गए और न ही उन्हें न्याय मिला। पीड़ित परिजनों ने कई बार पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई मगर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ना तो दूर उनसे पूछताछ तक नही की गई। ऐसे में अब मृतकों के परिजन न्याय के लिए अपने कांशीराम में ही आमरण अनशन पर बैठ गए है। पीड़ित पिछले एक सप्ताह से अनशन पर बैठे पीड़ितों की प्रशासन ने भी कोई सुध नही ली है। पीड़ित परिवार न्याय न मिलने तक अनशन की बात कह रहा है। पीड़ित परिवार आरोपियों को बचाने और मामला रफा-दफा करने का आरोप लगा रहे है ।

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