बताते चले महोबा डिपो में एक सैकड़ा से अधिक बसों का बेड़ा है जो विभिन्न मार्गों के लिये दौड़ रही है। डिपो से पनवाड़ी, राठ, बांदा, मुस्कुरा चलने वाली ज्यादातर बसों में टायर पूरी तरह से घिस चुके है और टायरों के धागे भी नजर आ रहे है लेकिन फिर भी जिम्मेदार डिपो की आमदनी बढ़ाने के लिये मार्गों पर बसों को भेज रहे है। यही वजह है कि आयेदिन रोडवेज की बसें बीच मार्ग में ही दगा दे जाती है और यात्री जहां परेशान होते है, चालक व परिचालकों को भी यात्रियों को कोपभाजन होना पड़ता है।
डिपो के चालकों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि जो लोकल मार्गों पर गाड़ी दौड़ रही है उनमें ज्यादातर बसों में टायर पूरी तरह से घिस चुके है लेकिन फिर भी जिम्मेदार बसों को मार्गों पर भेज रहे है। चालकों द्वारा टायर मांगे जाने पर भी उन्हें टायर नहीं दिये जा रहे है। जिस कारण वह अधिकारियों के खौफ के चलते घिसे हुये टायर लगे बसों को मार्गों पर दौड़ा रहे है। डिपो की बसों में टायर न होने के बारे में जब सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक आरएस चौधरी से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि टायरों की कमी है मण्डल मुख्यालय से टायर मांगे गये है उन्होंने बताया जल्द ही मण्डल मुख्यालय से एक सैकड़ा टायर आने वाले है टायर आने के बाद सभी वाहनों पर लगा दिये जायेंगे।