महोबा में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए डीएम महोबा ने लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। बेसिक शिक्षा के स्कूलों की जमीनी हकीकत जानने के लिए मजिस्ट्रेट टीमें गठित कर स्कूलों का निरीक्षण कराया। निरीक्षण में कहीं विद्यालय बंद मिले तो कहीं अध्यापक नदारद मिले। डीएम ने लापरवाह अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। मगर प्राथमिक शिक्षक संघ इस कार्रवाई को डीएम की तानाशाही और हिटलरशाही बता रहा है।
अफसरों को मानव संपदा पोर्टल की जानकारी ही नहीं
संघ कहना है कि जिन अध्यापकों पर कार्रवाई की गई है। उनमें ज्यादातर अध्यापक अवकाश पर थे। जिसकी जानकारी विभाग के मानव संपदा पोर्टल में भी अंकित है। मगर ऐसे जांच अधिकारियों से विभाग की जांच कराई गई है जिन्हें मानव संपदा पोर्टल की जानकारी ही नहीं है। डीएम साहब अनिभिज्ञ अधिकारियों से स्कूलों का निरीक्षण करवा रहे हैं। 14 अक्टूबर को हुए निरीक्षण में 70% अध्यापक ऐसे थे जिन्होंने वैध तरीके से अवकाश ले रखा था। कुछ अध्यापकों की ड्यूटी बीएलओ के काम में लगाई गई है। तो वहीं दो अध्यापक कोरोना के चलते अवकाश में है। कई महिला अध्यापिकाएं या तो प्रसूति अवकाश में है या बाल्यकाल अवकाश में चल रही हैं।
शिक्षक संघ ने डीएम इस कार्रवाई को अवैधानिक और डीएम की तानाशाही बताया है । इतना ही नहीं शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी बड़ी कार्यवाही दरअसल शिक्षा विभाग बदनाम करने की एक बड़ी साजिश है । इस कार्रवाई से अध्यापकों का मान सम्मान व स्वाभिमान गिराया जा रहा है। शिक्षक संघ इस लड़ाई को अंत तक लड़ेगा।
विद्यालयों से 127 अध्यापक नदारद मिले
बुंदेलखंड के महोबा में नवांगतुक डीएम ने शिक्षा में सुधार के लिए बेसिक शिक्षा के विद्यालयों का निरीक्षण कराया। निरीक्षण में 6 विद्यालय बंद कर पाए गए। तो वहीं विद्यालयों से 127 अध्यापक नदारद मिले हैं। डीएम ने शिक्षकों की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए बंद स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निलंबित कर दिया है। वहीं विद्यालय से नदारद 127 अध्यापकों का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। डीएम की इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग के अध्यापकों में हड़कंप मचा हुआ है। बरहाल डीएम भले ही बेसिक शिक्षा विभाग की खामियों को दूर करने का दावा कर रहे हों मगर शिक्षक संघ को रास नहीं आ रहा है। डीएम की कार्रवाई के बाद से इतना तो तय है कि बच्चों के भविष्य को लेकर डीएम खासे सख्त है और आगे भी कार्रवाई का इशारा दे रहे हैं।