महोबा

कर्ज से परेशान युवा किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, बैंक सहित साहूकारों का था 9 लाख रुपये का कर्ज

बुंदेलखंड में सूखे और आपदा से क़र्जीले हो चुके किसान मौत को गले लगा रहे हैं।

महोबाOct 14, 2018 / 06:31 pm

Abhishek Gupta

Farmers suicide

महोबा. बुंदेलखंड में सूखे और आपदा से क़र्जीले हो चुके किसान मौत को गले लगा रहे हैं। महोबा के कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र के भीम सिंह का खोड़ा में बैंक और साहूकारों के लाखों रुपये के कर्ज से परेशान एक किसान ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। किसान की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है। फिलहाल पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू कर दी है।
कुलपहाड़ कोतवाली के भीमसिंह का खोड़ा में रहने वाले युवा किसान प्रेम सिंह यादव (35) ने खेती को लेकर स्टेट बैंक से एक लाख, इलाहाबाद बैंक से 2 लाख 50 हजार एवं भूमि विकास बैंक से एक लाख का कर्ज लिया था। तो वही गांव के साहूकारों से भी करीब पाँच लाख रुपये का कर्ज लिया था। कई बर्षों से फसल की बेहतर पैदावार न होने से बैंक और साहूकारों का प्रेम सिंह पर कर्ज बढ़ता ही जा रहा था। कर्ज से परेशान किसान को फसली ऋण योजना का भी लाभ नहीं मिला था। जिसको लेकर प्रेम सिंह यादव काफी परेशान रहता था। गांव के साहूकार भी रुपयों की वसूली को लेकर उसे परेशान करते थे। कर्ज के बोझ तले दबे किसान ने अपनी बेटी की पिछले वर्ष शादी भी की थी, जिस कारण उस पर कर्ज का बोझ और बढ़ गया था। बैंक के पैसों और साहूकारों के कर्ज से आजिज आकर आखिरकार प्रेम सिंह ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। किसान के नाम सिर्फ चार बीघा खेती है। लघु सीमांत किसान होने के बाद भी उसका आज तक ऋण भी माफ़ नहीं हुआ है। न ही उसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है।
पूरे मामले में मृतक के भतीजे कौशलेन्द्र का कहना है कि उसके चाचा पर स्टेट बैंक सहित अन्य बैंकों और साहूकारों का कुल साढ़े नौ लाख रुपये का कर्जा था जिसको लेकर काफी दिनों से वह परेशान चल रहे थे। पैसे के अभाव के कारण घर में खाने के लाले पड़े थे। प्रतिदिन साहूकार कर्ज मांगने घर पर आया करते थे। यहीं नहीं बैंक मैनेजर भी कर्ज अदायगी के लिए दबाब बना रहे थे और प्रताड़ित कर रहे थे। इससे परेशान होकर किसान ने आत्महत्या कर ली।
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