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अनशन स्थल पर याद किए गये शहीद राम प्रसाद बिस्मिल

locationमहोबाPublished: Jun 15, 2019 09:13:42 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर पिछले 349 दिन से लगातार अनशन कर रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने अपने साथियों के साथ बुधवार को क्रांतिकारी, शायर, लेखक, इतिहासकार, साहित्यकार रामप्रसाद बिस्मिल का 122वां जन्मदिवस मनाया।

ramprasad bismil

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महोबा. पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर पिछले 349 दिन से लगातार अनशन कर रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने अपने साथियों के साथ बुधवार को क्रांतिकारी, शायर, लेखक, इतिहासकार, साहित्यकार रामप्रसाद बिस्मिल का 122वां जन्मदिवस मनाया। अनशन स्थल पर उनकी तस्वीर लगाई गयी एवं सभी लोगों ने पुष्प सुमन अर्पित कर उनको याद किया।
इस मौके पर तारा पाटकर ने कहा कि महज 11 साल की उम्र में स्वतंत्रता आंदोलन में कूदने वाले बिस्मिल ने काकोरी कांड करके अंग्रेजी हुकूमत को हिला दिया था। काकोरी लखनऊ के पास स्थित है जहां अगस्त, 1925 को बिस्मिल ने अपने साथी अशफाक उल्ला खां, चंद्र शेखर आजाद व राजेन्द्र लहड़ी के साथ ट्रेन में जा रहे सरकारी खजाने को लूट लिया था। अंग्रेजी हुकूमत में सरकारी खजाने को लूटने की ये सबसे बड़ी घटना थी। आजादी की जंग में धन की कमी को पूरा करने के लिए इस लूट को उन्होंने अंजाम दिया।
बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को शाहजहांपुर में हुआ था। बचपन में राम प्रसाद बिस्मिल आर्य समाज से प्रेरित थे और मातृवेदी संस्था से भी जुड़े रहे। इस संस्था में रहते हुए उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के लिए काफी हथियार एकत्रित किए लेकिन अंग्रेजी सेना को इसकी जानकारी मिल गई। अंग्रेजों ने हमला बोलकर काफी हथियार बरामद कर लिए। इस घटना को ही मैनपुरी षड़यंत्र के नाम से भी जाना जाता है। काकोरी कांड को अंजाम देने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और मुकदमा चलाया गया। दिसम्बर, 1927 में महज 30 वर्ष की आयु में बिस्मिल व उनके साथियों को फांसी दे दी गयी।
चंद्र शेखर आजाद प्रयागराज में वीरगति को प्राप्त हुए। बिस्मिल को श्रद्धा सुमन अर्पित करने भागीरथ शर्मा, संतोष धुरिया, देवेन्द्र कुमार, कृष्णा शंकर जोशी, लालजी त्रिपाठी, अनिरूद्ध मिश्रा, वीरेन्द्र अवस्थी, राम नारायण चंसौरिया, अमर चंद विश्वकर्मा, सुरेश सोनी समेत तमाम लोग पहुंचे।

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