उत्तर प्रदेश की पुलिस अब हो जाये खबरदार होशियार अगर DGP कंट्रोल से आये कोई मेसेज तो बरते सावधानी नहीं तो हेंकर कर सकता है आपके साथ भी ठगी ! ये हम नहीं कह रहे बल्कि महोबा में एक दरोगा के साथ घटित ऐसी ही एक घटना सामने आई है जिसमे DGP कंट्रोल से मेसेज आने के नाम पर ठगी की वारदात घटित हुई है ! दरअसल महोबा पुलिस सूत्रों ने बताया कि सदर कोतवाली की फतेहपुर बजरिया पुलिस चौकी में तैनात उप निरीक्षक स्वतंत्र गुप्ता के साथ इस वारदात को अपराधियो ने प्लान के साथ अंजाम दिया । साइबर क्राइम के ठगों ने जिला मुख्यालय में पुलिस के कंट्रोल रूम में सीयूजी नम्बर पर फोन करके संबंधित दरोगा से बात कराने को कहा तथा देरी होने पर उसे तत्काल रिटर्न फोन करने के लिए निर्देशित किया। पुलिस मुख्यालय से फोन आने की बात पर एकाएक दरोगा के होश उड़ गए । दरोगा ने तब वापस कॉल करके मामले में बात की तो ठगों ने उसे गोपनीय सूचना बताते हुए उसके इलाके से तस्करों द्वारा भारी मात्रा में अवैध दो नम्बर का सोना निकाले जाने की जानकारी दी और इसे पकड़े जाने के लिए मुखबिर को उत्साहित करने हेतु 30,000 हजार रुपये दिए जाने के निर्देश दिए और तो और अपराधियो ने धनराशि भेजने के लिए दरोगा को बैंक एकाउंट नम्बर भी दिया। ये खबर जनपद के सभी पुलिस आलाधिकारियों के संज्ञान में है मगर पीड़ित दरोगा कैमरे के सामने आने से बच रहा है ! हमारे रिपोर्टर ने सच्चाई जानने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम में बात की तो पूरा मामला सामने आ गया ! पुलिस कंट्रोल रूम पर DGP कंट्रोल के नाम से 7870840292 नंबर से मेसेज आया जिसके बाद वायरलैस पर दरोगा के नाम का मेसेज किया गया था !
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्यालय से आई फोन कॉल से हड़बड़ाए दरोगा ने प्रकरण में समुचित तहकीकात किये बगैर संबंधित एकाउंट नम्बर पर तत्काल पेटीएम के माध्यम से तीस हजार की धनराशि ट्रांसफर कर दी। मामले में उसने अपने उच्च अधिकारियों को बाद में जानकारी दी तो प्रकरण का खुलासा हुआ और खबर फैलते ही हड़कम्प मच गया। पुलिस अफसरों ने मामले में आनन-फानन में जांच पड़ताल शुरू कराई है तथा संबंधित फोन कॉल ओर बैंक एकाउंट को ट्रेस किया है। ऑफ़ कैमरा पुलिस उप अधीक्षक जटाशंकर राव ने बताया कि ठगी का शिकार बने दरोगा से प्रकरण में शिकायत दर्ज कराने तथा मामले में आवश्यक कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। मगर कोई भी पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने आकर कुछ भी नहीं बोल रहा है ! मगर इतना तो तय है कि अब आमजन ही नहीं बल्कि पुलिस अधिकारी भी ठगी का शिकार हो रहे है वह भी DGP कंट्रोल के नाम पर ऐसे में साइवर क्राइम पर निजात कैसे लगेगी यह अब बड़ा सवाल है !