उत्तर प्रदेश सरकार के सख्त आदेश है कि कोई भी सरकारी डॉक्टर न तो निजी प्रैक्टिस करेगा और न ही मरीजों को बाहर की दवा लिखेगा मगर महोबा के जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर गुलशेर की नजर में शायद सरकारी फरमान की अहमियत नहीं है। यहीं वजह है कि ये मरीजों को खुलेआम बाहरी दवा लिख रहे है और बेखौफ निजी प्रेक्टिस में भी करते देखे जा रहे है।
इन पर आए दिन ऐसे आरोप लगते रहते है। एक बार फिर इनपर बाहरी दवा लिखने और विरोध करने पर बदसलूकी का आरोप लगा है। दरअसल मामला सपा छात्र संघ नगर अध्यक्ष योगेश यादव उर्फ़ योगी से जुड़ा हुआ है। इनका आरोप है कि ये अपनी बीमार बहन रश्मि को दिखाने के लिए जिला अस्पताल गए हुए थे,जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर गुलशेर को दिखाया,पहले तो डॉक्टर ने उसे एक प्राइवेट क्लीनिक में आने को कहा जहां वो खुद प्रैक्टिस करते है मगर जब उसने समय का आभाव बताया दो डॉक्टर गुलशेर ने इलाज तो किया मगर उसे बाहर की महंगी दवा लिख दी। योगेश का आरोप है कि उसने डॉक्टर साहब को कहा कि वो गरीब व्यक्ति है फिर भी आपने बाहर की दवा लिख दी उसे सरकारी अस्पताल में मौजूद दवा दें इस पर डॉक्टर साहब का पारा गर्म हो गया और उसके हाथ से बाहर की लिखी पर्ची छीनने का प्रयास करने लगे और पर्ची फाड़ दी।
यहीं नही तीमारदार के इस विरोध पर डॉक्टर गुलशेर भड़क उठे और उसके साथ न केवल बदसलूकी की बल्कि गाली गलौच भी की। पीड़ित ने धरती के भगवान की इस हरकत से इतना आहत हुआ कि न्याय के लिए अपने साथियों के साथ ज्ञापन लेकर सीएमएस के आवास पहुंचा और लिखिये शिकायत सौंपी।
पीड़ित की शिकायत थी कि उसके और उसकी बहन के साथ दुर्व्यवहार हुआ है। शासन की मनाही के बाद भी बाहर मेडिकल की दवा लिखी जा रही है। पीड़ित ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ निलंबन किये जाने की मांग की है। वहीं पीड़ित का कहना है कि यदि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वो अपनी बहन के साथ ही अस्पताल गेट पर अनशन में बैठ जाएगा।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. उदयवीर सिंह का कहना है कि पीड़ित ने ज्ञापन सौंपा है, मामले की जांच होगी और यदि इसमें सत्यता पाई गई तो डॉक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई भी की जायेगी।