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फसल ऋण मोचन योजना के अन्तर्गत किसानों को नहीं मिला लाभ, कहा – सरकार ने दिया धोखा

locationमहोबाPublished: Sep 11, 2017 01:06:16 pm

फसल ऋण मोचन योजना के अन्तर्गत सभी किसानों को नहीं मिला लाभ।

Kisan karz maf 2017

महोबा. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने संकल्प पत्र में किसानों की कर्जमाफी के वादे को अमल में लाने के लिए बुंदेलखंड के महोबा में प्रदेश सरकार के कैबनिट मंत्री दारा सिंह चौहान द्वारा एक लाख तक के कर्ज वाले किसानों को कर्ज माफ़ी का प्रमाणपत्र दिया गया। फसल ऋण मोचन योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम के प्रथम चरण में जनपद के 10 हजार एक सौ चार किसान लाभान्वित हुए हैं। लेकिन कई किसान ऐसे भी थे जीने कर्ज माफ़ी के नाम पर औने पोने दाम के प्रमाण पत्र थमा दिए गए। जिसको लेकर किसानों में निराशा है। इस दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए सरकार की योजनाओं का बखान भी किया। मगर जब उनसे बच्चों की हो रही मौतों पर सवाल किया तो उन्होंने किसान मेला कहकर जबाब को टाल दिया। 

 

बीजेपी द्वारा विधानसभा चुनाव में अपने संकल्प पत्र में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। पहली कैबनिट बैठक में एक लाख रुपये तक के फसली ऋण को माफ़ करने के आदेश हुए थे। इसी के तहत प्रदेश भर में फसल ऋण मोचन योजना किसानों को कर्ज माफ़ी के प्रमाणपत्र वितरित किये जाने का कार्यक्रम आयोजित हुए हैं। बुंदेलखंड के महोबा में भी फसल ऋण मोचन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमे प्रदेश सरकार के कैबनिट मंत्री दारा सिंह चौहान बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम में जनपद विधायक ब्रजभूषण राजपूत, राकेश गोस्वामी और सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल सभी आला अधिकारी मौजूद रहे।

 

फसल ऋण योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में प्रथम चरण जनपद के 10 हजार एक सौ चार किसान लाभान्वित हुए हैं। जनपद के प्रभारी मंत्री दारा सिंह द्वारा मंच से किसानों को कर्ज माफ़ी के प्रमाणपत्र दिए गए। इस कार्यक्रम में भले ही किसान कर्ज माफ़ी का प्रमाणपत्र पाकर खुश नजर आये मगर कई किसान ऐसे भी थे जिसने साथ शासन-प्रशासन द्वारा कर्ज माफ़ी के नाम पर भद्दा मजाक किया गया। कई किसानों के कर्ज माफ़ी प्रमाणपत्र पर औने पोन दाम लिखकर उन्हें थमा दिए। जिस पर किसान खासे नाराज भी नजर आये।

 

कबरई गांव में रहने वाले किसान कमलेश पर बैंक का 39 हजार पांच सौ रूपया कर्ज था। उसे उम्मीद थी कि ऋण मोचन के तहत उसका भी कर्ज माफ़ होगा मगर जब उसे प्रमाणपत्र मिला तो उसका सिर्फ 238 रुपये ही माफ़ हुए हैं। किसान का कहना है कि सरकार का वादा एक लाख तक का कर्ज माफ़ करने का था मगर उसके साथ तो छलावा हुआ है। सरकार कहती कुछ और है और करती कुछ और है। सिर्फ कमलेश ऐसा किसान नहीं है बल्कि लाभान्वित हुए कई किसानों को कर्ज के सापेक्ष ओने पोन कर्ज को ही प्रमाणपत्र के माध्यम से माफ़ किया गया है। ऐसे में किसान खासे आक्रोशित भी नजर आये।


कई किसानों ने प्रभारी मंत्री दारा सिंह से शिकायत की तो कई किसानों ने प्रमाणपत्र न मिलने पर सांसद पुष्पेंद्र सिंह से कर्ज माफ़ कराये जाने की गुहार लगाई। वहीं कुछ किसान ऐसे भी थे जो कर्ज माफ़ी से खुश थे मगर इसे काफी नहीं मानते उनकी माने तो सरकार को सूखा घोषित कर मुआवजा भी जल्द वितरित करना होगा तभी किसान पर बोझ कम हो सकेगा। वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसानों की प्रदेश सरकार को चिंता है यहीं वजह है कि प्रदेश में लगभग 36 हजार करोड़ रूपया माफ़ किया है ये आने वाले दिन से कर्ज माफ़ी से मुक्ति किसान आगे बढ़ेगा।

 

उन्होंने कहा कि ये कर्ज माफ़ी ऐतिहासिक है पीएम और सीएम बधाई के पात्र हैं। उन्हीं की मंशा थी की लघु सीमांत किसानों की कर्जमाफी की जायेगी। किसानों के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। देश और प्रदेश की सरकार किसानों की आय को दुगना करना चाहती है। इस दौरान जब मंत्री से बच्चों की मौतों पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस पर बहुत बयानबाजी हो चुकी है ये किसान मेला है और सवाल तो टालते हुए चले गए। 

 

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