अनशन की अगुवाई कर रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वर के धनुष्कोडी गांव में आज ही के दिन एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। वे दस भाई बहन थे। गरीबी के कारण उन्होंने पढ़ाई के लिए रेलवे स्टेशन पर अखबार तक बेंचे लेकिन अपनी काबिलियत के बल पर वे 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। इतना ही नहीं कलाम भारत के महानतम वैज्ञानिकों में शुमार हो गये। वे भारत के परमाणु कार्यक्रम की रीढ़ थे। अग्नि और पृथ्वी मिसाइल का सफल प्रक्षेपण उन्हीं की देन थी।
बुंदेली समाज के महामंत्री अजय बरसैया ने कहा कि कलाम एक शाकाहारी मुस्लिम थे। वे ताउम्र अविवाहित रहे। वे भारत को महाशक्ति बनाना चाहते थे।इसीलिए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के 500 विशेषज्ञों की मदद से विजन 2020 डाक्यूमेंट तैयार किया और कहा कि भारत विकसित देश तभी बन पाएगा जब शहर और गांवों का विकास एक समान होगा और देश की जीडीपी 10-11 फीसदी हो पायेगी। इसके लिए अभी हमें लंबा सफर तय करना पड़ेगा।
अनशन स्थल में इस मौके पर इकबाल हुसैन, कमलेश श्रीवास्तव, कल्लू चौरसिया, उदित यादव, हरिश्चंद्र वर्मा, इंद्रजीत सिंह, डा. प्रभु दयाल, विष्णु दत्त खरे, अमरचंद विश्वकर्मा समेत तमाम लोग मौजूद रहे।