बैठक के बाद बुंदेली समाज संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि डा. तिवारी के साथ मेडिकल अफसर डा. पी डी अवस्थी और भरत पटेल भी थे। इस टीम को डीएम अवधेश कुमार तिवारी के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुमन ने यहां भेजा था जो महोबा के जिला अस्पताल को कैसे सुधारा जाय और वहां डाक्टरों व अन्य स्टाफ की भारी कमी को कैसे दूर किया जाए, इस पर हमारी राय मांगने आयी थी। शासन ने डीएम महोबा से इस संबंध में तत्काल रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि 10 दिसम्बर को मानव अधिकार दिवस पर हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खून से खत लिखकर कहा था कि अगर आप इलाज नहीं दे सकते तो हम लोगों को इच्छा मृत्यु देने की मांग की थी। इससे पहले भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हम लंबी लड़ाई लड़ चुके हैं।
हमने स्वास्थ्य विभाग की टीम से कहा कि महोबा की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धांत नाथ सिंह से भी मिल चुके हैं। हमने उनसे कहा कि जिला अस्पताल के जो मानक हैं, उनको तत्काल पूरा किया जाय और महोबा का मेडिकल कालेज उसे दिया जाय। इस मौके पर देवेन्द्र तिवारी, अमरचंद विश्वकर्मा, कमलेश श्रीवास्तव, राम सेवक अवस्थी, कल्लू चौरसिया, डा. राम सेवक चौरसिया, भपका गुरू समेत तमाम लोग मौजूद रहे।