मृत है सरकार बुंदेलों ने कहा कि सरकार द्वारा बुंदेलखंड की उपेक्षा किये जाने और 61 वर्ष पुरानी अलग राज्य की मांग न माने जाने पर हम हमने सरकार को मृत समझ लिया है। इसी के मद्देनजर हम सभी ने आल्हा चौक पर एकजुट होकर अपना सामूहिक मुंडन करा सरकार का अंतिम संस्कार कर दिया है। बुंदेलों ने माना कि अगर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के 23 जनपद मिल जाएंगे तो छोटे परिवार की तरह छोटे राज्य से विकास के नए आयाम खुलेंगे। लेकिन अगर अलग राज्य की मांग नहीं मानी गई, तो अनशन का स्वरुप आगे चलकर विकराल होगा।
अलग राज्य की सहमति पर नहीं किया विचार मौजूद पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव की झांसी में आयोजित रैली के दौरान सरकार बनते ही अलग बुंदेलखंड राज्य की सहमति जाहिर की थी। मगर यह अब तक पूरी नहीं हो सकी है। जबकि बीजेपी सरकार छोटे राज्यों की पक्षधर मगर राजनीती के नफा नुकसान को देखकर बुंदेलियों को उनका हक नहीं दिया जा रहा।
हवा हवाई साबित हुए वादे बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण की बात की थी। उन्होंने वादा किया था कि केंद्र में भाजपा सरकार बनने के 3 साल के भीतर बुंदेलखंड राज्य बनाया जाएगा। इस पर वर्तमान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहमति जतायी थी।
इस वादे के साथ बुंदेलखंड की सभी सीटों पर भाजपा सांसदों को जिताया गया। लेकिन केंद्र सरकार के गठन में 4 साल बीत जाने के बाद भी राज्य निर्माण के पक्ष में कार्यवाही नहीं हुई है। मध्य प्रदेश सरकार ने छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, सागर व दतिया को शामिल कर बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण बनाया। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, महोबा और चित्रकूट को मिलाकर विकास निगम बनाया है। इन्हीं 13 जिलों को मिलाकर पृथक राज्य की मांग की जा रही है।