scriptदुर्लभ कल्प वृक्ष को बचाने की मुहिम शुरू | movement to save rare trees begin | Patrika News

दुर्लभ कल्प वृक्ष को बचाने की मुहिम शुरू

locationमहोबाPublished: Dec 14, 2019 06:32:57 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

डीएफओ के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम पहुंची महोबा के सिचौरा गांव

Trees

Trees

महोबा. दो हजार साल पुराने दुर्लभ कल्प वृक्ष को बचाने के लिए बुंदेली समाज ने जो मुहिम शुरू की थी, अब वो रंग लाने लगी है। वन विभाग ने न केवल कल्प वृक्ष की सुध ली है बल्कि डीएफओ रामजी राय वैज्ञानिक डा. राम सेवक चौरसिया को अपने साथ लेकर कल सिचौरा गांव पहुंच गए। उन्होंने कल्प वृक्ष का स्थलीय निरीक्षण किया और गांव के बुजुर्गों से इस दुर्लभ वृक्ष के बारे में विस्तृत जानकारी ली। अब वे अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेंगे।
डीएफओ रामजी राय ने माना कि यह कल्प वृक्ष देश के उन गिने चुने दुर्लभ वृक्षों में है जिनकी आयु डेढ़ से दो हजार वर्ष है। यह औलिएसी पादप कुल का सदस्य है। इसके दो तने हैं, जिनका व्यास करीब 13-13 मीटर है। एक तने में फंगस लग गया है और वह खोखला हो गया है। जिसमें फफूंद नाशक दवा का लेपन किया जाएगा एवं उसमें फेवीकोल मिलाकर लकड़ी का बुरादा भरा जाएगा। पानी से बचाने के लिए उसके ऊपर सीमेन्टिड प्लास्टर भी करना होगा। जुड़वां डालों के भार को सहारा देने के लिए लोहे के दो गार्डर भी लगाने होंगे। एक बोर्ड लगाकर कल्प वृक्ष के महत्व के बारे में भी बताया जायेगा। हम एक दो दिन में अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी को सौंप देंगे और उनसे सिचौरा चलने का आग्रह करेंगे।राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डा. राम सेवक चौरसिया ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व प्रयागराज स्थित भारतीय वानस्पतिक सर्वेक्षण विभाग (बीएसआई) की टीम भी यहां आई थी लेकिन कल्प वृक्ष के संरक्षण पर कुछ हुआ नहीं। उधर बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि सिचौरा कबरई से 10 किमी आगे हैं और छह माह पहले हम वहां गये थे। कल्प वृक्ष की खराब हालत के संबंध में डीएफओ को बताया था। करीब एक माह पहले कल्प वृक्ष का एक तना टूट कर गिर गया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो