“पुत्र कुपुत्र भले हो जाये पर माता न होत कुमाता” बुंदेलखंड की यह कहावत महोबा में घटित घटना पर सटीक बैठती है। जिस पुत्र को मां अपनी कोख में 9 महीने रखती ,है वो इस कदर कुपुत्र हो जाता है कि मां को ही मौत के घाट उतार देता है। वारदात चरखारी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सुदामापुरी की है। जहां बीती 5 अप्रैल को पुलिस को सूचना मिली थी कि बुजुर्ग महिला प्रकाशरानी की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गई है। यहीं नहीं, घर में बदमाशों द्वारा 50 हजार सहित जेवर और गेंहू से भरे 5 बोरी लूट लिए गए थे। मृतिका के पति कामता प्रसाद द्वारा अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या और लूट की तहरीर दी गई थी। पुलिस के लिए यह घटना सरदर्द बनी हुई थी।
पुलिस ने दिया यह बयान- एएपी स्वामीनाथ ने खुलासे के लिए स्वाट टीम और कोतवाली पुलिस को लगाया था। पुलिस ने अपनी पूछताछ के दौरान जब मृतिका के सबसे छोटे पुत्र दयाशंकर को हिरासत में लिया तो हत्या और लूट की कहानी रिश्तों के खून से रंगी नजर आई। दरअसल मृतिका का पुत्र दयाशंकर जुआ खेलने का लती था और 10 हजार रुपये उधार में हार गया था। जुएं का कर्ज चुकाने के लिए दयाशंकर ने 5 अप्रैल को घर में ही चोरी की। घर में रखे 50 हजार रुपये चुराने के समय माँ की आंख खुल गई फिर क्या था कलयुगी पुत्र पर खून सवार हो गया और उसने अपनी बूढ़ी मां की गर्दन पर हसिये से प्रहार कर दिया। गला रेत कर अपनी की माँ को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस के इस खुलासे के बाद से एक बार फिर खून के रिश्ते कलंकित दिखाई दिए।