कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां
चरखारी विकास खंड के गांव काकुन में काशी योग एवं मूल्य शिक्षा संस्था के बैनर तले अयोजित सेमिनार में बुंदेलखंड में कृषि की समस्या एवं उनके समाधान विषय पर आयोजित सेमिनार में कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के कृषि वैज्ञानिक वीरेंद्र कुमार दुबे ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से बुंदेलखंड के किसान कृषि से नाता तोड़कर महानगरों की ओर पलायन कर रहे है। मगर यह समस्या का निराकरण नहीं है।
आडिट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां
आज भी बुंदेलखंड में कृषि की संभावनाओ से इंकार नही किया जा सकता है। किसान भाईयों को कृषि करने की विधि बदलने की आवश्यकता है। इसके लिए किसान आधुनिक कृषि को अपना सकते हैं। बागवानी, फलदार वृक्षों से कई किसानों ने अच्छा खासा मुनाफा कमाया है। इस मौके पर किसानों से जैविक खाद के प्रयोग पर जोर दिया गया है। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि रसायनिक खादों के प्रयोग से भूमि की उर्वरक क्षमता कम हो सकती है, इसलिए किसान जैविक खाद का प्रयोग करें। खेत तालाब से जल संचयन करने की जानकारी दी गई है। जबकि लखनऊ से आए डिप्टी चीफ आडीटर पदम जंग के द्वारा आडिट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी है।
किसानों को दी गई महत्वूपर्ण जानकारियां
लखनऊ से पशु पालन विभाग के राकेश गुप्ता के द्वारा पशु नस्ल सुधार के साथ ही पशुधन को बचाने के लिए महत्वूपर्ण जानकारियां दी है। इस मौके पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की गृहविज्ञान की प्रवक्ता डॉ फरीदा अहमद, डॉ जगदीश राव सहित अन्य जानकारों द्वारा भी किसानों को महत्वूपर्ण जानकारियां दी गई है। बुंदेलखंड ग्राम सेवा भारती के सचिव धर्मेन्द्र मिश्रा द्वारा सेमिनार में हिस्सा लेने वाले किसानों व कृषि वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया गया है।