ये पूरा मामला जनपद के पनवाड़ी थाना क्षेत्र के ग्राम नटर्रा का है। दरअसल महोबा के ग्राम बफरेथा में रहने वाले हरिशंकर राजपूत ने अपनी गरीबी के चलते अपनी नाबालिग बेटी अंजना का विवाह सात वर्ष पूर्व 2011 में हमीरपुर जनपद निवासी राम मिलन राजपूत से कर दी थी। मगर शादी के बाद से ही शराब का लती राममिलन अंजना के साथ मारपीट करने लगा। आये दिन शराब पीकर वो उसे मारता-पीटता ऐसे में उनका रिश्ता ज्यादा दिन चल नहीं पाया। तीन वर्ष बाद पति ने उसे छोड़ दिया।
पीड़िता अपना गम भुलाने के लिए अपने रिश्ते के फूफा के यहां ग्राम नटर्रा में रहने लगी। जहां उसकी मुलाकात रोहित नाम के युवक से हुई। धीरे-धीरे ये मुलाकात प्रेम में बदल गई और रोहित ने शादी का वादा कर उसे अपने घर ले आया। पीड़िता का आरोप है कि रोहित के पिता मनोज राजपूत और मां मीरा ने भी उसे अपना लिया। चार साल तक रोहित पीड़िता के साथ मनमानी करता रहा और शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा था।
दो वर्ष पूर्व रोहित से उसका एक पुत्र भी हुआ। वो जब भी शादी के लिए कहती तो वो बात को टाल जाता है ! जब शादी के लिए पीड़िता ज्यादा दबाब बनाने लगी तो रोहित और उसके माँ बाप ने उसे घर से ही निकाल दिया ! यहीं नहीं शादी करने के लिए 8 लाख रुपये की मांग करने लगे। पीड़िता अपने मासूम बच्चे को लेकर अपने पिता के यहाँ पहुंची तो परिवार के पैरो तले जमीन खिसक गई । पीड़िता अपनी आप बीती लेकर थाना पनवाड़ी पहुंची जहाँ पुलिस ने उसकी शिकायत तक नहीं सुनी । ऐसे में पीड़िता न्याय के लिए पुलिस अधिकारीयों के चक्कर लगा रही है। पीड़िता आज अपने परिवार के साथ न्याय के लिए एसपी की चौखट पर पहुंची और आपबीती बताई। पीड़िता न्याय मांगती हुई कहती है कि अब वो अपने मासूम बच्चे की परवरिश को लेकर चिंतित है। काम उम्र में उसका जीवन बर्बाद हो गया और अब उसके बेटे का जीवन भी बर्बाद हो रहा है ।