देश में बढ़ते महिला अपराधों और बलात्कार की घटनाओं से आम आदमी खासा नाराज है। एक के बाद एक होती वारदातों से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। उन्नाव में किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के बाद जम्मू के कठुआ में मासूम आसिफा के साथ हुए दरिंदगी के मामले में अब आम जनता सड़क पर उतर आई है और आरोपियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग भी उठने लगी है।
आज महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं
महोबा जनपद में भी सैकड़ों युवाओं ने आसिफा की मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए ेकैंडिल मार्च निकाला। शहर के हवेली दरवाजा से शुरू हुआ कैंडिल मार्च शहर के प्रमुख चौराहों से होते हुए आल्हा चौक पर आ कर समाप्त हुआ, जहाँ आसिफा की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया गया। सैकड़ों युवा आसिफा कांड में दोषी आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे थे। कैंडिल मार्च का नेतृत्व कर रहे आफाक खान ने कहा कि बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं चाहे वह घर ही क्यों न हो।
महोबा जनपद में भी सैकड़ों युवाओं ने आसिफा की मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए ेकैंडिल मार्च निकाला। शहर के हवेली दरवाजा से शुरू हुआ कैंडिल मार्च शहर के प्रमुख चौराहों से होते हुए आल्हा चौक पर आ कर समाप्त हुआ, जहाँ आसिफा की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया गया। सैकड़ों युवा आसिफा कांड में दोषी आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे थे। कैंडिल मार्च का नेतृत्व कर रहे आफाक खान ने कहा कि बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं चाहे वह घर ही क्यों न हो।