बता दें कि शुक्रवार को पृथ्वीराज मार्ग के निकट त्रिशूली नदी में बस गिरी। बस सप्तरी जिले के राजविराज से काठमांडू जा रही थी। सप्तरी के एसपी ध्रुवराज राउत ने बताया कि बस में कुल 50 यात्री सवार थे। दुर्घटना में 9 पुरुष 7 महिला और 3 बच्चे सहित 30 लोगों की मौत हो गई तथा बाकी गंभीर रूप से घायल है। घायलों को इलाज के लाए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इधर घटना की जानकारी होते ही मौके पर पुलिस बल के साथ राहत बचाव दल पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। सप्तरी के एसपी ने बताया कि मृतको में से बीस की शिनाख्त हो गई है। इनमें 13 मृतक बिहार के मधुबनी जिले के बताए जाते हैं।
डेथ जोन के नाम से जाना जाने लगा है मार्ग बतादें कि यहां लगातार हो रहे हादसे को देखते हुए इस एरिया को डेथ जोन के नाम से भी जाना जाता है। अभी पिछले तीन महीने के भीतर ही तीन बड़े बस हादसे हो चुके हैं। इससे पहले 15 अगस्त को भी दो अलग-अलग बस एक्सीडेंट्स में 36 की मौत हो गई थी और 38 जख्मी हो गए थे। 15 अगस्त को नेपाल के कावरेपालन चौक में भी एक बस 985 फीट नीचे खाई में गिर गई थी। इस दुर्घटना में 33 की मौत हो गई तथा 38 जख्मी हो गए थे।
मृतकों मे जिनकी पहचान हुई उनके नाम ममता ठाकुर,सप्ती के मुखिया सुषासन चौधरी,रामानंद यादव,संजीत झा,सिम्मी कुमारी झा,आदित्य यादव,राजकपूर यादव,पार्वती चौधरी,चंदरेखा,मनजीत कुमार झा तथा चंद्रावती झा(ये सभी 13 मृतक मधुबनी बिहार के हैं) बता दें कि इस मार्ग पर प्रति वर्ष करीब 2000 लोगों की मौत होती है इसलिए इस मार्ग को डेथ जोन भी कहा जाता है।