सपा से अलग हुए राजबब्बर की जिले में मीटिंगों के जरिए अपनी राजनीतिक महत्वाकांछा का आगाज करने वाले अमर सिंह ने 2017 में शोहरतगढ़ को अपनी करमभूमि चुना और बसपा के रास्ते विधान सभा चुनाव की दस्तक दी। बसपा में चूंकि टिकटों का मोलभाव ज्यादा होता है इसलिए चौधरी का टिकट कट गया। फिर उन्होंने अपनादल एस से टिकट हासिल कर लिया और जीत भी दर्ज की।
गौर करने की बात है कि जिले का शोहरतगढ़ विधानसभा सीट जनसंघ के जमाने से संघी बाहुल्य रहा है। यहां सपा बसपा तथा कांग्रेस बसपा मिलकर चुनाव लड़े हैं फिर भी भाजपा को शिकस्त नहीं दे पाए। ऐसे में 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा का स्वयं न लड़कर सहयोगी दल अपनादल को लड़ाना हैरत करने वाली रही।
विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनने के कुछ दिन बाद तक तो सब ठीकठाक रहा लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद से इनकी सांसद से लेकर भाजपा के विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से दूरी बढ़ती गई। इसके पीछे यूं तो कई कारण गिनाए जा रहे हैं लेकिन हाल के एक वाकये ने ज्यादा तूल पकड़ लिया।
बताते हैं कि कभी विधायक अमर सिंह के जनसंपर्क कार्यालय में कियी युवती के साथ रेप हुआ था। युवती की शिकायत पर उच्च न्यायलय ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। विधायक ने इसे स्वयं को बदनाम करने की साजिश बताया और दावा किया कि रेप का आरोपी हियुवा का कार्यकर्ता है। कहा पीड़ित युवती को न्याय दिलाने की लड़ाई वे लड़ेंगे। फिर क्या था। विधायक चौधरी और जिले की हियुवा आमने सामने आ गए। गौर करने की बात यह है कि जिले की डुमरियागंज विधानसभा सीट से हियुवा के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र सिंह विधायक हैं। विधायक राघवेंद्र सिंह ने हियुवा के लिए इसे चुनौती माना.इधर शोहरतगढ़ नगर पंचायत की अध्यक्ष के पति सुबाष गुप्ता जो देवीपाटन मंडल के हियुवा के प्रभारी भी हैं, के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस को पत्रक देकर रेप के देषियों पर कार्रवाई की मांग कर दी। विधायक चौधरी ने इसे स्वयं से जोड़ लिया। इसके पहले नगरपंचायत के चुनाव में विधायक चौधरी ने शोहरतगढ़ में भाजपा प्रत्याशी बबीता कसौधन के इतर किसी अन्य का समर्थन किया था।
बस ऐसे ही बात बढ़ते बढ़ते यहां तक पहुंच गई कि विधायक चौधरी जिले में अलग थलग पड़ते गए. हालात यहां तक आ गए कि उनके विधानसभा इलाके के् नगरपंचायतों में उन्हें उपेछित किया जाने लगा। 12 जुलाई को नगर विकास मंत्री के कार्यक्रम के विग्यापनों में विधायक का फोटो तक नहीं छपा। लगातार हो रही अपनी उपेछा से खिन्न विधायक चौधरी का गुस्सा नगर विकास मंत्री के कार्यक्रम के दिन फूट पड़ा और उन्होंने मंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार कर स्थानीय भाजपा नेताओं और सरकार पर अपना गुस्सा उतारा। विधायक का गुस्सा इसकदर चरम पर है कि उन्होंने भाजपा से दो दो हाथ करने के ऐलान के साथ यहां तक कह दिया कि आगामी चुनाव में भाजपा न केवल पिछड़े वर्ग की वोट के लिए तरसेगी , प्रचंड बहुमत की भाजपा 2019 में खंड खंड हो जाएगी।