कार्ड की फोटो खींचकर ऐसे करते थे ठगी
पुलिस के मुताबिक डेबिट कार्ड से खरीदारी के दौरान कार्ड की फोटो खींचकर अपने साथी को भेज देते हैं। वह उसे पेटीएम (Paytm) में लाॅगइन करता है। इधर कार्डधारक से बहाने से ओटीपी मांग लेते। ओटीपी मिलते ही साथी पेटीएम में लाॅगइन कंप्लीट कर देता। इसके बाद खाते से ऑनलाइन रकम निकाल ली जाती या ट्रांसफर कर ली जाती।
कैसे पकड़े गए
पुलिस अधीक्षक ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि पकड़े गए ठग सुरेश प्रसाद कटाईकोर्ट उर्फ मदरहना थाना पुरन्दरपुर व जितेन्द्र कुमार भारती नौतनवां थानान्तर्गत मुड़िला गांव निवासी हैं। पुरन्दरपुर में बेलवा चौराहे पर सुरेश की बीज भंडार की होलसेल की दुकान है। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि बीज व दवा लेने आने वालों के डेबिट कार्ड की फोटो खींचकर वह अपने साथी जितेन्द्र को भेज देता था। जितेन्द्र पेटीएम अकाउंट में लाॅगिन करता था। इधर बहाने से ओटीपी (OTP) नंबर नोट कर लिया जाता था और इसके बाद वो ओटीपी के जरिये रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते थे। दोनों ने दो जून 2020 में एक व्यक्ति के पूर्वांचल बैंक के खाते से 7 लाख 40 हजार रुपये निकाले थे। यही नहीं डेबिट कार्ड अपने नेटवर्क के दूसरे साथियों को दे दिया और सबने मिलकर 15 लाख रुपये ऑनलाइन निकाल लिये।
मोबाइल में मिला ठगी का डेटा
पुलिस ने गिरफ्तार किये गए दोनों आरोपियों के मोबाइल से ठगी का कुछ डेटा भी बरामद किया है और डिलीट किये डेटा को भी रिकवर किया जा रहा है। इसके अलावा उनके पास से 15 लाख में से बचे 80 हजार रुपये, 12 आधार कार्ड, 4 एटीएम कार्ड व तीन मोबाइल के अलावा एक बाइक भी बरामद किया है।
दोनों आरोपी भेजे गए जेल
फरेंदा थाने की पुलिस और साइबर सेल की टीम ने दोनों आरोपियों को रविवार की भोर में लेजार महदेवा तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया। दोनों के खिलाफ कोल्हुई क्षेत्र के सोनपिपरी गांव निवासी मुजीबुल्लाह ने शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की तो वह इन साइबर ठगों तक पहुंच गई। एसपी ने बताया कि इस मामले में धोखाधड़ी और 66डी आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया गया है।